हालांकि यह भी सामने आया है कि इस मामले में कमेटी के कुछ चिकित्सकों ने अपनी गलती मानने से इनकार करते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने पूरे मामले में प्रथम साक्ष्यों के आधार पर कमेटियों को पूरे तंत्र की निगरानी करने में फेल माना है, जिसके कारण अस्पताल और कॉलेज में यह खेल तीन साल से चलता रहा। मामले में सरकार के स्तर पर भी पुलिस में मामला दर्ज करवाए जाने की तैयारी है।