वह नौकरी कर अपने परिवार का लालन-पालन कर रहा था। परिवार में मां, छोटा भाई, पत्नी और 14 वर्ष की बेटी आयशा और 8 वर्ष का बेटा दीक्षित उस पर आश्रित थे। जब परिजनों को राधे की मौत की खबर मिली तो कोहराम मच गया। पत्नी व बेटी और मां बार-बार बेहोश हो रहे थे। आसपास के लोग परिवार के लोगों को ढांढस बंधा रहे थे।
यह भी पढ़ें
Jaipur Tanker Blast: इंटरव्यू देने जा रहा था नर्सिंगकर्मी, आंख खुली तो बह रहा था आग का दरिया, लपटों से घिरा मांगने लगा जिंदगी की भीख
मामा चिल्लाता हुआ दौड़ा था हरलाल
वहीं दूसरी तरफ हादसे में मौत का शिकार हो चुके हरलाल के मामा झाई महेन्द्रा सेज निवासी मोहनलाल की आंखों में आंसू थे और गला रूंधा हुआ था। उन्होंनेबताया कि उनका भांजा हरलाल उनसे मिलने के लिए आया था। सुबह हरलाल और एक अन्य परिचित राजू को जयपुर जाने वाले ट्रक में बिठाकर आया था। उसके बाद वह कुछ दूर ही निकल पाए थे कि राजू का उनके पास फोन आया कि एक हादसा हो चुका है जिसमें वह झुलस गए हैं। यह सुनकर वह बाइक लेकर पहुंचा तो हरलाल मामा मामा चिल्लाता हुआ आया।