पुलिस में सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) के एक हजार पदों पर पहली बार होने वाली महिलाओं की भर्ती नियमों में अटकी हुई है। वर्ष 2022-23 के बजट में हुई इस घोषणा के बाद सरकार भले ही अभी तक भर्ती नियम तय नहीं कर पाई, लेकिन कोचिंग संचालक इस भर्ती के नाम पर बैच शुरू कर चुके हैं। एक माह पहले ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मामला उठा था। उसके बाद पुलिस मुख्यालय की तीन सदस्यीय कमेटी ने भर्ती नियमों को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब सरकार से इस मामले में अन्तिम मुहर लगना बाकी है।
ऐसा पहली है जब भर्ती केवल महिलाओं के लिए निकाली गई है। यह भर्ती सहायक उपनिरीक्षक पद के लिए होगी। कई वर्षों पहले एक बार केवल आईबी काडर में सहायक उपनिरीक्षक पद भर्ती हुई थी। इससे पहले और बाद में एएसआई के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से ही भरे जाते रहे हैं। अब सरकार ने एएसआई पद पर महिलाओं की कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया है। पुलिस में करीब 14 हजार सहायक उपनिरीक्षक हैं। इनमें से महिलाओं की संख्या करीब 110 है।
ऐसा पहली है जब भर्ती केवल महिलाओं के लिए निकाली गई है। यह भर्ती सहायक उपनिरीक्षक पद के लिए होगी। कई वर्षों पहले एक बार केवल आईबी काडर में सहायक उपनिरीक्षक पद भर्ती हुई थी। इससे पहले और बाद में एएसआई के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से ही भरे जाते रहे हैं। अब सरकार ने एएसआई पद पर महिलाओं की कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया है। पुलिस में करीब 14 हजार सहायक उपनिरीक्षक हैं। इनमें से महिलाओं की संख्या करीब 110 है।
पुलिस थानों में कई ऐसे पद हैं, जहां सरकार महिला पुलिसकर्मी की उपस्थिति चाहती है। इनमें किशोर न्याय(बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम (जेजे एक्ट) के तहत सीडब्ल्यूपीओ (चाइल्ड वेलफेयर पुलिस ऑफिसर) प्रमुख है। एक्ट के अनुसार हर थाने में यह अधिकारी आवश्यक है, जो एएसआई से नीचे का पद वाला नहीं हो सकता। इसके अलावा महिलाओं से सम्बंधित अपराध में कमी लाने के लिए भी इस भर्ती को अहम बताया जा रहा है। यह भर्ती होने से पुलिस बेड़े में जांच अधिकारियों की संख्या भी बढ़ेगी।
पुलिस मुख्यालय ने तय किए नियम
पुलिस मुख्यालय ने तय किए नियम
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 16 मई को हुई बैठक में यह मुद्दा उठा था। पुलिस अधिकारियों ने जवाब दिया था कि भर्ती नियम तय किए जाने हैं, इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने कमेटी गठित कर दी। तीन सदस्यों की यह कमेटी एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी। इसके बाद एडीजी सुनील दत्त, संजय अग्रवाल और प्रशाखा माथुर ने नियम तय कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। सरकार की मुहर लगने के बाद पुलिस मुख्यालय का पदोन्नति और भर्ती बोर्ड करेगा भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगा।