दरअसल, ओम प्रकाश माथुर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी नेताओं में से एक माना जाता है। संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले माथुर ने अपनी सादगी और कार्यशैली से पार्टी और संघ में अपनी अलग पहचान बनाई।
ओम माथुर का आरंभिक जीवन और शिक्षा
ओम प्रकाश माथुर का जन्म 17 अगस्त 1952 को राजस्थान के पाली जिले के फालना कस्बे में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पाली से पूरी की और उच्च शिक्षा के लिए जयपुर का रुख किया। राजस्थान विश्वविद्यालय से उन्होंने बीए की डिग्री प्राप्त की। छात्र जीवन से ही उनका झुकाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर था, और महज 20 साल की उम्र में वे संघ के प्रचारक बन गए। आरएसएस में लंबे समय तक सेवा देने के बाद, माथुर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के समय से ही इससे जुड़ गए। 1988 में बीजेपी के सदस्य बनने के बाद उन्होंने संगठन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उनकी मेहनत और रणनीतिक कौशल ने उन्हें जल्द ही पार्टी का राष्ट्रीय चेहरा बना दिया।
संगठन में लंबे समय तक किया काम
बता दें, माथुर को पार्टी ने गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण राज्यों का प्रभारी बनाया। इसके अलावा, वे राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय महामंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर भी रहे। 2008 से 2009 तक उन्होंने राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व किया। यह भी पढ़ें
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2023 में बने सिक्किम के राज्यपाल
बता दें, ओम माथुर को दो बार राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुना गया। उनका अंतिम राज्यसभा कार्यकाल 2016 से 2022 तक रहा। संगठन में उनके काम और लंबे अनुभव को देखते हुए उन्हें 2023 में सिक्किम का राज्यपाल नियुक्त किया गया। ओम प्रकाश माथुर सिक्किम के 18वें राज्यपाल नियुक्त हुए हैं।ओम माथुर का राजनीतिक सफर
1988 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने1990 से 2002 तक गुजरात भाजपा के महासचिव रहे
2002 से 2008 तक उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और गुजरात के प्रभारी रहे
2004 से 2005 में उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में जिम्मेदारी मिली
2005 से 2008 तक वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे
2008 से 2014 तक वे पहली बार राजस्थान से राज्यसभा सांसद रहे
2008 से 2009 तक वे राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे
2014 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया
2016 से 2022 तक वे दूसरी बार राज्यसभा सांसद रहे
2023 में उन्हें सिक्किम का राज्यपाल नियुक्त किया गया