दरअसल शहरी और ग्रामीण ओलपिंक कराया गया था सीएम गहलोत की ओर से पिछली सरकार के दौरान। शहरी ओलंपिक में करीब बारह लाख से ज्यादा और ग्रामीण ओलंपिक में करीब 46 लाख लोग जुड़े थे। इन खेलों के दौरान जो खर्च हुआ अब वह भजन लाल सरकार के निशाने पर है। विधानसभा में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि इसकी जांच होगी। गहलोत सरकार ने इन खेलों में टीशर्ट और पजामा खरीदने में ही 126 करोड़ खर्च कर दिए। इस आयोजन को लेकर विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए भी करोड़ों रुपयों का खर्चा बेवजह किया गया है। इस बारे में दरअसल निर्दलीय विधायक मनोज कुमार न्यांगली ने सवाल किया था। इस सवाल के जवाब में ये सब कहा गया था।
राठौड़ ने कहा कि इन खेलों में एक सौ पचास करोड़ से भी ज्यादा खर्च कर दिया गया। अब रिव्यू किया जा रहा है। राठौड़ ने कहा कि जब इन खेलों में किसी भी खिलाड़ी का नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर चयन नहीं हुआ तो फिर ये इतना खर्च क्यों…..? उल्लेखनीय है कि पूर्व सरकार की कई योजनाओं का वर्तमान सरकार रिव्यू कर रही है।