ऐसी समझें अव्यवस्था
अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की मानें तो मोक्षधाम में पहुंचने के बाद पूजा-पाठ किया। जोशी के शव को पहले एक मशीन में रखकर अंदर भेजा गया, लेकिन मशीन चालू नहीं हुई। करीब 30 मिनट की मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला और दूसरी मशीन में रखा गया। उसमें में भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। इसके बाद इलेक्ट्रीशियन को बुलाया गया, तब पता चला कि विद्युत आपूर्ति सही नहीं हो रही है। दोपहर तीन बजे के बाद लाइट सही हुई और उसके बाद अंतिम संस्कार हो पाया।
अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की मानें तो मोक्षधाम में पहुंचने के बाद पूजा-पाठ किया। जोशी के शव को पहले एक मशीन में रखकर अंदर भेजा गया, लेकिन मशीन चालू नहीं हुई। करीब 30 मिनट की मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला और दूसरी मशीन में रखा गया। उसमें में भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। इसके बाद इलेक्ट्रीशियन को बुलाया गया, तब पता चला कि विद्युत आपूर्ति सही नहीं हो रही है। दोपहर तीन बजे के बाद लाइट सही हुई और उसके बाद अंतिम संस्कार हो पाया।
इसलिए हुई दिक्कत
-मशीन चालू करने के लिए बिजली की जरूरत होती है। उसके बाद गैस से अंत्येष्टि होती है। विद्युत मेंटेनेंस के कारण एक फेज नहीं आ रहा था। इस कारण दिक्कत हुई।
-सुनील मल्होत्रा, सचिव, आदर्श सहयोग समिति
-मशीन चालू करने के लिए बिजली की जरूरत होती है। उसके बाद गैस से अंत्येष्टि होती है। विद्युत मेंटेनेंस के कारण एक फेज नहीं आ रहा था। इस कारण दिक्कत हुई।
-सुनील मल्होत्रा, सचिव, आदर्श सहयोग समिति