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दरअसल कोटा एसीबी ने बुधवार को डूंगरपूर जिला परिषद में तैनात एक्सईन अजय कुमार भार्गव को ट्रेप किया है। वह करीब पैतालीस हजार रुपए ले रहा था किसी काम को कराने की एवज में । पीडित सीधा एसीबी तक पहुंच गया और एसीबी ने अजय भार्गव को ट्रेप कर लिया। लेकिन जब एसीबी अजय के घर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की तो अफसरों की आंखे फटी रह गई। उसके डूंगरपुर स्थित आवास से ही करीब 48 लाख रुपए कैश मिला है। कुछ पैसा फ्रीज में से, कुछ पूजा के कमरे में से, कुछ अलमारी से निकाला गया है। इसके अलावा घर से करीब पचास किलो चांदी मिली है और साथ ही पांच सौ ग्राम से ज्यादा सोना मिला है। उसका एक बेटा डॉक्टर बन गया है, दूसरा बेटा इंजीनियर है। पत्नी भी सरकारी सेवा में बताई जा रही है। सात से आठ मकानों, हॉस्टल और लैंड के कागजात मिले हैं। इसके अलावा सात बैंक खाते हैं और दो बैंक लॉकर हैं। इनका खुलना अभी बाकि है। इन सबके अलावा करीब दो सौ शराब की बोतलें मिली हैं जिनकी कीमत चार लाख रुपए से भी ज्यादा बताई जा रही है। अजय भार्गव ने सरपंच से मरेगा राशी को स्वीकृत करने की एवज में करीब दो प्रतिशत मांगा था। वह अस्सी रूपए चाह रहा था। जिसमें से बीस हजार रुपए तो सरपंच के बेटे ने दे दिए थे और बाकि रूपए देने से पहले वह एसीबी के पास चला गया और एसीबी ने अजय भार्गव को ही निपटा दिया।