दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने RPS हीरालाल सैनी के 1 अक्टूबर 2021 के बर्खास्तगी के आदेश को रद्द किया है। जस्टिस गणेशराम मीणा की अदालत ने हीरालाल सैनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं।
RPS को मिलेंगे वेतन और समस्त परिलाभ
राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता को बिना सुनवाई का मौका दिए और बिना किसी इन्क्वायरी के ही सरकार ने बर्खास्त कर दिया। ऐसे में बर्खास्तगी आदेश को कानून सम्मत नहीं माना जा सकता हैं। ऐसे में सरकार के 1 अक्टूबर 2021 के बर्खास्तगी आदेश को रद्द किया जाता है। वहीं, याचिकाकर्ता को बकाया वेतन और समस्त परिलाभों सहित पुनः सेवा में लेने के आदेश दिए। हालांकि अदालत ने मामले में विभागीय जांच जारी रखने की स्वतंत्रता दी है।
बिना जांच के बर्खास्त करने पर लगाई थी याचिका
बता दें RPS हीरालाल सैनी ने बिना जांच सेवा से बर्खास्त करने पर कोर्ट में याचिका लगाकर चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील आरएन माथुर ने बताया कि हमने बिना जांच के सेवा से बर्खास्त करने के आदेश को चुनौती दी थी। हमने कोर्ट से कहा था कि सरकार ने बर्खास्तगी आदेश से पहले किसी तरह की जांच नहीं की। वहीं, बिना सुनवाई का मौका दिए ही बर्खास्त कर दिया। जुलाई 2021 में सामने आया था मामला
गौरतलब है कि जुलाई 2021 में पुष्कर के एक रिसॉर्ट में RPS हीरालाल सैनी व महिला कॉन्स्टेबल के दो वीडियो 6 साल के बच्चे के साथ पूल में नहाते हुए सामने आए थे। दोनों बच्चे के साथ भी अश्लील हरकते करते हुए नजर आ रहे थे। इसके बाद महिला के पति ने दोनों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थी। वीडियो सामने आने पर तत्कालीन डीजीपी एमएल लाठर ने दोनों को सस्पेंड कर दिया था। वहीं पूरे प्रकरण में 6 अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिरी थी।
विधानसभा में हुआ था जोरदार हंगामा
आपको बता दें घटना के समय ये मुद्दा विधानसभा में भी जोर-शोर से उठाया गया था। उस समय बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने सदन में शून्यकाल के दौरान स्थगन प्रस्ताव के जरिये कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया था। इस पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ था।