यह है ट्रांसमिशन-डिस्ट्रीब्यूशन लॉस
जयपुर— 22 प्रतिशत
अजमेर— 12.16 प्रतिशत
जोधपुर— 23 प्रतिशत
(यह स्थिति अभी तक की है, मार्च अंत तक इसमें बदलाव का दावा किया जा रहा)
1. भरतपुर जोन— 4626.18 मिलीयन यूनिट की बजाय 3406.71 मिलीयन यूनिट की ही बिलिंग। 1219.47 मिलीयन यूनिट का बोझ ईमानदार उपभोक्ताओं पर।
विद्युत लॉस— 26.36 प्रतिशत
2. जयपुर जोन— 20564.95 मिलीयन यूनिट खरीद, लेकिन 17699.72 मिलीयन यूनिट की ही बिलिंग संभावित। 2865.52 मिलीयन यूनिट बिजली की बिलिंग नहीं की जा सकेगी।
विद्युत लॉस— 13.93 प्रतिशत
3. कोटा जोन— 5267.89 मिलीयन यूनिट बिजली खरीद, जबकि 4381.23 मिलीयन यूनिट छीजत व चोरी होने की स्थिति बताई है।
विद्युत लॉस— 16.83 प्रतिशत
(भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, अलवर, दौसा, जयपुर, टोंक, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी जिले शामिल हैं)
सत्ताधारी कांग्रेस सरकार में अब तक उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज के रूप में औसतन 35 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त भार आ चुका है। यह राशि पिछले वर्ष फरवरी में बढ़ी विद्युत दर के अतिरिक्त है। दोनों को जोड़ें तो सामान्य उपभोक्ता को औसतन करीब 1.50 रुपए प्रति यूनिट ज्यादा राशि देनी पड़ रही है।
डिस्काम्स अध्यक्ष भास्कर ए. सावंत ने सोमवार वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिए तीनों डिस्कॉम्स के कार्य की समीक्षा की।सभी सर्किल इंचार्ज से सभी सब-डिविजन में गत वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में बढ़े विद्युत लॉस का कारण पूछा है। इस बीच कृषि कनेक्शन के सभी डिफेक्टिव मीटर बदलने का काम अगले दो माह में पूरा करने के लिए कहा।