दूसरे जिलों में शिफ्ट हुए, लेकिन जयपुर में चल रहे
परिवहन विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए वाहन चालकों ने गली भी निकाल ली। जयपुर आरटीओ ऑफिस से एनओसी लेकर चालकों ने वाहनों का दूसरे जिलों में पुन: रजिस्ट्रेशन करा लिया। इन वाहनों को फर्जी किराएनामे से दूदू, कोटपूतली, चौमूं और शाहपुरा में ट्रांसफर करा लिया है लेकिन संचालन जयपुर में ही किया जा रहा है। जबकि इन वाहनों को शहरी सीमा में संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे वाहनों पर भी विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
एनजीटी के निर्देश पर हो रही कवायद
परिवहन विभाग एनटीजी के निर्देश पर पूरी कवायद कर रहा है। जयपुर सहित राज्य के पांच शहरों में 15 वर्ष पुराने कॉमर्शियल वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए इन वाहनों को सड़क से हटाया जा रहा है। हाल ही जेडीए में हुई ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में यह मुद्दा सामने आया था।
निजी बस, ऑटो धड़ल्ले से दौड़ रहे
राजधानी की बात करें तो यहां 15 वर्ष पुरानी निजी बसें और ऑटो धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। अवधि पार होने के बावजूद यात्रियों को बैठाकर इनका संचालन किया जा रहा है। इनमें से अधिकतर वाहन जयपुर से बाहर की जगहों पर ट्रांसफर हो चुके हैं। कुछेक ऐसे भी हैं जो बिना ट्रांसफर भी संचालित हो रहे हैं। एनटीजी का आदेश है। 15 वर्ष पुराने डीजल के कॉमर्शियल वाहनों को जयपुर से बाहर करना है। समय-समय ऐसे वाहनों को जब्त कर कार्रवाई की जाती है। अब और सख्ती अपनाई जाएगी।
राजेश चौहान, आरटीओ प्रथम जयपुर