दूसरे धड़ा बोला – सफेद रंग शांति और शालीनता का प्रतीक
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह ने आरोप लगाया कि यह आंदोलन गलत मांगों को लेकर था। इसीलिए 60 हजार नर्सेज इससे दूर रहीं। इसके बावजूद सरकार ने हजारों नर्सेज को विश्वास में लिए बिना ड्रेस का कलर बदल दिया। यह नर्सेज का अपमान है। शालीनता और शांति का प्रतीक सफेद रंग नर्सेज की पहचान रहा है। 11 सूत्री मांगों में से कुछ ही मानकर नर्सेज को झुनझुना पकड़ाया है। ड्रेस कोड बदलने का निर्णय वापस नहीं लिया तो आंदोलन करेंगे।
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नर्सेज की इन मांगों पर भी बनी सहमति
जिला और उप जिला अस्पतालों की महिला नर्सेज के लिए क्रेच (शिशु गृह) खोले जाएंगे। वित्तीय मांगों के परीक्षण के लिए समिति बनाई गई है। इसमें निदेशक जनस्वास्थ्य, निदेशक अराजपत्रित, संयुक्त सचिव (तृतीय), राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार व अन्य सदस्य होंगे। समिति 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। वार्ता में नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार शशिकांत शर्मा सहित नरेन्द्र सिंह शेखावत, प्यारेलाल चौधरी, राजेन्द्र सिंह राणा सहित अन्य नर्सेज प्रतिनिधि मौजूद थे। इसके बाद आंदोलन 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
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