ऐसे समझें कैसे हुआ महंगा पहले ब्लड यूनिट संग्रहित करने वाले बैग पर कोई टैक्स नहीं था, अब इसे जीएसटी के दायरे में ला दिया है। 12.5 प्रतिशत कर लगा। इससे रक्त की कीमतों में 200 रुपए तक बढ़ोत्तरी होगी।
रक्त संग्रहण बैग और जांच के कुछ अन्य उपकरण जीएसटी दायरे में। एक बार जारी आदेश फिर लिया जीएसटी से कीमतें बढऩे के बाद एक बार तो राज्य सरकार ने कीमतें बढऩे का आदेश भी जारी कर दिया। लेकिन विरोध शुरू होने और इसके बढऩे की आशंका के बाद इसे वापस ले लिया गया है। अब इसे 1 जनवरी 2018 से लागू किया जा रहा है।
ये हो जाएंगी कीमतें ब्लड — 1050 की जगह अब होगी कीमतें 1250 पैक्ड रेड सेल्स —1050 की जगह अब होगी कीमतें 1250 इन पर इतना बढ़ा कर ब्लड केरी बैग — 12 प्रतिशत, पहले कुछ नहीं था
प्लेटलेट केरी बैग — 12प्रतिशत, पहले कुछ नहीं था एचबी किट — 18 प्रतिशत, पहले 5.5 प्रतिशत था टैक्स ग्लास स्लाइड — 18 प्रतिशत, पहले 14 प्रतिशत था टैक्स
स्प्रिट — 18 प्रतिशत, पहले 5.5 प्रतिशत था टैक्स
टेस्ट टेब — 18 प्रतिशत, पहले 14.5 प्रतिशत था टैक्स
ट्रेस्पोर टेप – 12 प्रतिशत, पहले 5.5 प्रतिशत था टैक्स बैंडेड — 12 प्रतिशत, पहले 5.5 प्रतिशत था टैक्स फैक्ट फाइल — 89 ब्लड बैंक हैं प्रदेश में
— 44 सरकारी ब्लड बैंक हैं प्रदेश में
— 45 गैर सरकारी ब्लड बैंक हैं प्रदेश में
— 56 लाख जांचे होती हैं एसएमएस के ब्लड बैंक में एक साल में
— 13 हजार जांचें प्रतिदिन होती हैं एसएमएस में
— 3000 रक्तदान शिविर प्रदेश में एक साल में लगाए जाते हैं अनुमानित
— 6 लाख यूनिट रक्त रक्तदान शिविरों से एकत्रित होता है प्रदेश में
जीएसटी के दायरे में आने के बाद कुछ पर दाम बढ़ाए गए हैं। ये आदेश 1 जनवरी 2018 से लागू होंगे। -डॉ.एस.एस.चौहान, निदेशक, राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी