इतना ही नहीं, बेरोजगार सोशल मीडिया के जरिये ही अपनी मांग बता रहे हैं और बोर्ड की ओर से समाधान भी करवाया जा रहा है। बोर्ड अध्यक्ष की ओर से यह पहल शुरू की गई है। इसके लिए बोर्ड अध्यक्ष की ओर से रोज सुबह और शाम एक घंटा सोशल मीडिया पर बेरोजगारों की सुनवाई के लिए निकाला जा रहा है। इसका नतीजा यह हुआ है कि बोर्ड कार्यालय पर पिछले छह महीनों में एक भी धरने-प्रदर्शन नहीं हुए हैं।
बोर्ड की ओर से एक और पहल शुरू की गई है। भर्तियों में प्रश्न पत्र सहित परीक्षा केंद्रों में नवाचार करने से पहले बोर्ड की ओर से सोशल मीडिया पर ऑपीनियन पोल लिया जा रहा है। इस पर बेरोजगार अपनी राय देते हैं। ओपीनियन पोल के आधार पर बोर्ड निर्णय भी ले रहा है। हाल ही पशु परिचर भर्ती परीक्षा को लेकर एक ओपीनियन पोल लिया गया, इसमें पूछा गया कि बाड़मेर के अभ्यर्थियों के लिए बीकानेर, जयपुर और अजमेर में से कहां सेंटर दिए जाएं। इस पर सर्वाधिक बेरोजगारों ने बीकानेर को चुना। इस पर बोर्ड ने इस बार बीकानेर में सेंटर रखे हैं।
इस तरह के सवाल पूछते और ऐसे जवाब मिलते
अभ्यर्थी: सर, आज मेरा जन्मदिन है, आशीर्वाद नहीं मिला?
बोर्ड अध्यक्ष: शानू, चिरायु भव : आप परिवार और समाज का नाम रोशन करें।
अभ्यर्थी: आपसे आग्रह है कि एईएन भर्ती 8-11 फरवरी 2025 का नोटिफिकेशन कब तक जाएगा?
अध्यक्ष: खान साहब, भर्ती की अभ्यर्थना अभी तक नहीं आई, अगले हफ्ते तक आ जाएगी। अभ्यर्थी: सर, सांचौर और जालोर वालों को कहां सेंटर दोगे? अध्यक्ष: पशु परिचर परीक्षा के लिए जालोर में सीट प्लान कर रहे हैं।
आए दिन होते थे धरने-प्रदर्शन
दरअसल, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से राज्य के करीब 30 लाख से अधिक बेरोजगार जुड़े हैं। ऐसे में भर्तियों में आवेदन से लेकर परिणाम तक बेरोजगारों की कई समस्याएं रहती हैं। छोटी-छोटी समस्याओं और मांगों को लेकर राज्य से बेरोजगार बोर्ड कार्यालय पर चक्कर लगाते हैं। इतना ही नहीं, बोर्ड कार्यालय पर धरने-प्रदर्शन भी करते हैं।
बेरोजगारों के लिए शुरू की पहल
राज्य के बेरोजगार दूर-दराज जिलों से जुड़े हैं। उनकी कई समस्याएं रहती हैं। कई सवाल रहते हैं। उन्हें बोर्ड कार्यालय चक्कर लगाना नहीं पड़े। ऐसे में यह पहल शुरू की है। प्रयास करता हूं हर सवाल का जबाव उन्हें दूं। युवाओं से हमें कई सुझाव भी मिलते हैं जिन्हें परीक्षाओं में इंप्लीमेंट भी करते हैं। – आलोक राज, अध्यक्ष राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड