कोहरे के दौरान रेल संचालन कैसे सुरक्षित पूवर्क करें, जारी किया निर्देश
सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारे महाप्रबंधक अमिताभ ने सभी विभागों खासतौर पर परिचालन विभाग, यांत्रिका विभाग, विद्युत विभाग, सिग्नल विभाग को निर्देश दिए है कि आने वाले मौसम में कोहरे के दौरान कैसे रेल संचालन सुरक्षित पूवर्क कर सकें। इसी के तहत हम लोको पायलट को फॉग सेफ्टी डिवाइस प्रदान कर रहे हैं। इंजन पर लगाया जाता है फॉग सेफ्टी डिवाइस
सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण ने आगे बताया कि फॉग सेफ्टी डिवाइस इंजन पर लगाया जाता है। यह डिवाइस लोको पायलट को आने वाले सिग्नल के बारे में आडियो और वीडियो के माध्यम अलर्ट देता है। सिग्नल की सही स्थिति के जानकारी के बाद लोको पायलट सावधानीपूर्वक रेल संचालन कर सकें। उत्तर पश्चिम रेलवे पर करीब 900 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध है।
वेल्डिंग फेलियर पहचान कर रिपेयर करने के सख्त निर्देश
सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण कहा कि सर्दियों के मौसम में कम तापमान में रेल या वेल्डिंग फेलियर की घटना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा सभी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि रेल या वेल्डिंग फेलियर पहचान कर उनको रिपेयर किया जाए। कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों और पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। लोको पायलट को सिगनल और अन्य संकेतकों की दृश्यता ठीक प्रकार से दिखे, इसके लिए संकेतकों पर वापस पेंटिंग और चमकीले साइन बोर्ड, संकेतकों के पास गिट्टियों को चूने से रंगा गया है।
रेलपथ की निगरानी को बढ़ाई गई
सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण बताया कि साथ ही रेलखण्ड में पेट्रोलिंग की आवृति को बढ़ाकर रेलपथ की निगरानी को बढ़ाया गया है। कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों, अधिकारियों की ओर से रेलवे स्टॉफ की सजगता को लगातार चेक किया जा रहा है।
फॉग सेफ डिवाइस के बारे में जानें
कोहरे की वजह से दृश्यता बेहद कम हो जाती है। जिससे लोको पायलट सिग्नल और ट्रैक की सहीं स्थिति का आकलन नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति में फॉग सेफ्टी डिवाइस लोको पायलटों के लिए वरदान साबित होता है। फॉग सेफ डिवाइस एक GPS आधारित उपकरण है। फॉग सेफ्टी डिवाइस की मदद से लोको पायलट सिग्नल की सटीक जानकारी प्रदान करता है। जिससे ट्रेनों का संचालन सुरक्षित रूप हो पाएगा।