जयपुर

अब सिर की चोट में MRI, सीटी स्कैन की जरूरत नहीं…इस नई तकनीक से इलाज संभव

No need of MRI : न्यूरोसर्जरी की नई तकनीक की खास बात यह है कि जहां सीटी स्कैन व एमआरआई जांच की व्यवस्था नहीं है, वहां यह तकनीक सर्वाधिक उपयोगी साबित होगी। वहां सिर की चोट के मरीज के तुरंत उपचार के लिए यह तकनीक संजीवनी साबित हो सकती है।

जयपुरMar 02, 2024 / 01:37 pm

Supriya Rani

No need of MRI : व्यक्ति के सिर में कितनी गहरी चोट है इसका न्यूरोसर्जरी की नई तकनीक नॉन इन्वेंसिव से तुरंत पता लगाया जा सकता है। खास बात यह है कि जहां सीटी स्कैन व एमआरआई जांच की व्यवस्था नहीं है, वहां यह तकनीक सर्वाधिक उपयोगी साबित होगी। वहां सिर की चोट के मरीज के तुरंत उपचार के लिए यह तकनीक संजीवनी साबित हो सकती है। यह जानकारी अमरीका से आए वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. डेविड एडलसन ने शुक्रवार को टोंक रोड स्थित एक होटल में शुरू हुई। द वर्ल्ड फैडरेशन और न्यूरोसर्जरी कॉन्फ्रेंस इकरान 2024 में कही।
मुंबई से आए डॉ. बी. के. मिश्रा ने 50 साल के दौरान न्यूरोसर्जरी की तकनीक में हुए बदलाव से अवगत करवाया। आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ.वी.डी. सिन्हा ने बताया कि तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के पहले दिन सात सत्र हुए। कई न्यूरोसर्जन ने शोध पत्र भी प्रस्तुत किए।

डॉ. वी.एस मेहता ने बताया कि सिर की चोट में सर्जरी के बाद मरीज के रिहैबिलिटेशन पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने से मरीज की रिकवरी में काफी समय लग रहा है। डॉ. अनिता हाड़ा ने अंगदान के लिए प्रेरित किया। डॉ. एंड्रयू रिसनर ने बताया कि बच्चों में सिर की चोट के कारण बनने वाले बायो मारकर्स का पता लगाना भी संभव है।
आयोजन सचिव डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि सुबह 8 बजे जेएलएन मार्ग पर वॉकथॉन हुई जो होटल से वर्ल्ड ट्रेड पार्क तक आयोजित हुई। वॉकथॉन को पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वॉकथॉन में 200 स्कूली बच्चे शामिल हुए। इसमें पद्मश्री डॉ. माया टंडन भी शामिल हुईं। इस वॉकथॉन में मुस्कान फाउंडेशन फोर रोड सेफ्टी और मोहन फाउंडेशन का सहयोग रहा।

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