जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से जनाना अस्पताल में दो यूनिट खोल तो दी लेकिन इससे आमजन आज तक अनभिज्ञ है। जनाना अस्पताल में सिर्फ गर्भवती महिलाएं, गायनिक आदि बीमारियों से संबंधित ही मरीज पहुंच रहे है।
जनाना अस्पताल परिसर स्थित भवन में दो नई यूनिट खोलकर एक-एक चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ को नियुक्त किया गया है। मेडिसिन विभाग की यूनिट एवं चिकित्सक का प्रतिदिन आउटडोर यहां लगने के बावजूद मरीज नहीं पहुंच रहे हैं। पिछले छह माह में मुश्किल से 60 मरीज भी नहीं पहुंचे हैं।
यह है वजह
अस्पताल में दोनों यूनिट खोल तो दी लेकिन इसका प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। आसपास के गांवों, कॉलोनियों में भी इस तरह की जानकारी नहीं है। आसपास के स्कूल, कॉलेज में भी इसकी जानकारी नहीं पहुंचाई गई है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की ओर से भी कार्यक्रमों में इस पर फोकस नहीं किया गया। चिकित्सा विभाग खुद प्रचार-प्रसार बचता रहा है।
इन गांवों को मिल सकता है फायदा
कायड़, घूघरा, लाडपुरा, भूडोल, माकड़वाली रोड, चौरसियावास, पुष्कर, बूढ़ा पुष्कर, कानस, चाचियावास सहित अन्य गांवों की जनता को जनाना अस्पताल परिसर में ही खुली मेडिसिन व अन्य यूनिट का फायदा मिल सकता है।
इन सुविधाओं का अभाव
यूनिट तो खोल दी लेकिन सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराई गई है। दवा काउंटर जनाना अस्पताल के भरोसे है। इन यूनिट परिसर में ना तो एसी है ना कूलर की व्यवस्था। गार्ड, कर्मचारियों की व्यवस्था नहीं है। नर्सिंग स्टाफ भी सीमित है। नि:शुल्क जांच के लिए जेएलएन अस्पताल के ही चक्कर काटने पड़ेंगे। ना व्हील चेयर, ना स्ट्रेचर। वर्तमान में यह यूनिट रैफरल का ही काम करेगी।