बेटी का नाम ख्वाहिश रखा था मेजर ने, बोले थे अब मेरी हर इच्छा पूरी हो गई
शहीद मेजर विकास की पार्थिव देह दोपहर 1 बजे के उनके पैतृक गांव रामपुरिया पहुंची थी। जहां गांव के एक सरकारी स्कूल में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को श्रद्धांजलि देने आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में लोग उमड़े। वहीं इससे पहले शहीद की पार्थिव देह को सुबह सूरतगढ़ के मिलिट्री स्टेशन से पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया था ।
जहां रास्ते में लोगों ने अंतिम यात्रा पर फूल बरसाए और नम आंखों से शहीद को विदाई दी। इस दौरान मानकसर और चेतक चौराहे पर शहीद मेजर विकास भांभू के अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े और श्रद्धांजलि दी। परिवार के लोगों ने बताया कि विकास को बेटी से बहुत स्नेह था। वह बात नहीं कर सकती थी लेकिन वीडियो कॉल पर पिता को देखकर खुश होती थी। पिता ने ही उसका नाम ख्वाहिश रखा था। उनका कहना था कि ईश्वर ने बेटी देकर हर इच्छा पूरी कर दी। लेकिन अब वे हमारे बीच नहीं हैं। मासूम को अब तक इसका भान नहीं है।