जयपुर।पुरुषों के वर्चस्व के बीच राजस्थान से भारतीय पुलिस सेवा की पहली महिला अधिकारी के तौर पर चयनित होना जितनी बड़ी उपलब्धि थी, उससे भी बड़ी चुनौतियां सामने खड़ी थीं। कठिन परिश्रम, लगन और ईमानदारी से किए गए काम से राह निकलती गई। यह कहना है बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित प्रदेश की पहली महिला आईपीएस और वर्तमान में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में संयुक्त निदेशक नीना सिंह का।
सीबीआई की 21वीं कान्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। इस गौरवपूर्ण पल के साक्षी बने उनके पति राजस्थान काडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रोहित कुमार सिंह व परिवार के अन्य सदस्य। आईपीएस अधिकारी ने बताया कि 1989 में आईपीएस में चुने जाने के बाद काम और चुनौतियां खुद मेरी प्रेरणा बनती रहीं। हर जिम्मेदारी के साथ एक अवसर भी होता है। वही, मुझे आगे बढऩे की हौंसला देता रहा। सीबीआई में साढ़े तीन वर्ष हो गए, लेकिन राष्ट्रपति सम्मान से नवाजा जाना मेरे और परिवार के लिए बेहद खास लम्हा है। मेहनत का पुरस्कार मिलने पर काम करने की ऊर्जा कई गुना बढ़ती है।
छोटा राजन केस में अहम भूमिका
सीबीआई में संयुक्त निदेशक नीना सिंह ने नियुक्ति के कुछ दिनों बाद ही यूपी के एनआरएचएम घोटाले की जांच की जिम्मेदारी संभाली। इस केस की परतें उधेड़ीं तो कई मंत्री व वरिष्ठ नौकरशाह जेल पहुंच गए। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से लोक प्रशासन में मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने वाली यह अधिकारी राजस्थान में जयपुर की एसपी यातायात, आईजी अजमेर, आईजी मुख्यालय, आईजी प्रशिक्षण सहित कई अहम पदों पर कार्यरत रहीं। वर्तमान में सीबीआई में छोटा राजन और शीना बोरा केस की जिम्मेदारी इनके पास है।