निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान के फाउंडर डॉ. बलवीर एस. तोमर बने ‘वर्ल्ड हेल्थ समिट’ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष
World Health Summit : निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान के फाउंडर डॉ. बलवीर एस. तोमर ‘वर्ल्ड हेल्थ समिट’ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बने। पहली बार किसी भारतीय का चुनाव हुआ है। चुनाव में 28 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने डॉ. बलवीर एस. तोमर को चुना है।
निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान के फाउंडर डॉ. बलवीर एस. तोमर व अन्य
World Health Summit : निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान के संस्थापक प्रो. (डॉ.) बलवीर एस. तोमर को वर्ल्ड हेल्थ समिट के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न केवल प्रो. तोमर के असाधारण नेतृत्व और योगदान को मान्यता देती है, बल्कि निम्स विश्वविद्यालय और पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी है। यह पहली बार है जब कोई भारतीय वर्ल्ड हेल्थ समिट के वैश्विक सम्मलेन में एक अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा। इसी के साथ पहली बार कोई भारतीय संस्थान, भारत में 2025 में वर्ल्ड हेल्थ समिट की मेजबानी, में करेगा। समिट के मुख्य संरक्षक जर्मन चांसलर, ओलाफ स्कोल्ज़, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति-इमैनुएल मैक्रॉन, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस हैं ।
वर्ल्ड हेल्थ समिट वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच
वर्ल्ड हेल्थ समिट वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच है। यह दुनियाभर से राजनीति, विज्ञान, निजी क्षेत्र के लोगों को एक साथ लाता है ताकि दुनियाभर में सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य के साथ भविष्य का एजेंडा तय किया जा सके। वर्ल्ड हेल्थ समिट, विश्व में वैश्विक स्वास्थ्य को एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में बढ़ावा देता है। संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वर्ल्ड हेल्थ समिट संस्थान को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे
अपनी दूरदर्शी सोच, चिकित्सा शिक्षा में बेहतरीन नेतृत्व एवं उम्दा प्रशानिक अनुभव से, प्रो. तोमर, वर्ल्ड हेल्थ समिट संस्थान को सफलता की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं। निम्स विश्वविद्यालय ने हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऐकडेमिक अलायन्स (जो की अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विश्वविध्यालयों का एक ऐसा समूह हैं को हर वर्ष जर्मनी में “वर्ल्ड हेल्थ समिट” आयोजित करता है) की सदस्यता हसिल की है।
प्रो. तोमर ने वर्ल्ड हेल्थ समिट के सदस्यों को कहा, धन्यवाद
प्रो. तोमर ने वर्ल्ड हेल्थ समिट रीजनल मीटिंग की 2025 की अंतरराष्ट्रीय मीटिंग के लिए भारत के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की। वर्ल्ड हेल्थ समिट के सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह निर्णय न केवल अत्यंत गर्व का विषय है बल्कि एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। डॉ तोमर ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ समिट का आयोजन पहली बार भारत में होगा। विश्वभर से लगभग 3000 से अधिक पालिसी मेकर्स, राजनीतिज्ञ, नौकरशाह एवं पब्लिक हेल्थ से संबंधित वैज्ञानिकों इसमें शिरकत करेंगे।
डॉ तोमर ने आगे बताया कि इस समिट के आयोजन से विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने में सहयोग करेगा। प्रो. तोमर ने बताया कि इस समिट में अनेक विषयों जैसे की “ डिजिटल हेल्थ” “आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का हेल्थ साइंस में उपयोग” “क्लाइमेट एंड हेल्थ” “प्लेटनरी हेल्थ” “हेल्थ एंड पीस” “वैक्सीन डिप्लोमेसी” पर चर्चा होगी। यह समिट, G-20 में की गई स्वास्थ्य एवं ग्लोबल हेल्थ डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाने में मिल का पत्थर साबित होगी।
विश्व में शांति ही सबसे बड़ा भरोसा – डॉ टेड्रॉस
वर्ल्ड हेल्थ समिट का आयोजन इस वर्ष बर्लिन, जर्मनी में 13-15 अक्तूबर को हुआ हैं। समिट के पहले दिन उद्घाटन समारोह में डॉ टेड्रॉस ने समिट की थीम के साथ बोलते हुए कहा कि विश्व में शांति ही सबसे बड़ा भरोसा हैं, बिना शांति के भरोसा नहीं जीता जा सकता है।, डॉ टेड्रॉस ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी भरोसे का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल हैं, जब तक चिकित्सक पर मरीज़ का भरोसा नहीं होता तब तक मरीज़ की बीमारी सही नहीं होती। डॉ तोमर ने, डॉ टेड्रॉस के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में, डॉ टेड्रॉस को वर्ल्ड हेल्थ समिट रीजनल मीटिंग में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। डॉ टेड्रॉस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोविड को लेके विश्वभर में किए गए सहयोग के लिए सराहना की। साथ ही बताया कि उनकी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा रखा गया उनका नाम “तुलसी भाई” उन्हें आज भी याद हैं, और हमेशा याद रहेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुख्य वैज्ञानिक जेरेमी फर्रार ने विश्वास बनाने के लिए लगातार और निरंतर प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विश्वास भी वर्षों में बनता है और एक पल में खो सकता है। विश्वास के लिए आपको निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए ना कि संकट के समय में।
WHS एकडेमिक अलायन्स की सदस्य सूची में वर्ष 2023 में शामिल हुआ निम्स यूनिवर्सिटी
वर्ष 2023 में निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान ‘विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन’ की कार्यकारी संस्था– WHS एकडेमिक अलायन्स की सदस्य सूची में शामिल हुआ था और यह दुनिया के उन विशिष्ट 31 चिकित्सा केंद्रों और संस्थानों में से एक है, जो ए एलायंस के भीतर सदस्यता रखते हैं। ज्ञात रहे की “इंटर अकैडमी पार्टनरशिप” जो की 100 से अधिक देशों की राष्ट्रीय मेडिसिन अकैडमी का प्रतिनिधित्व करती हैं। WHS एकडेमिक अलायन्स, प्रतिष्ठित संस्थानों का एक समूह हैं जो एक थिंक टैंक के रूप में विश्व में स्वास्थ्य और शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए समर्पित है। हर वर्ष यह अलायन्स विश्व स्वास्थय संगठन, जिनेवा एवं अन्य अनेक स्वस्थ्य के प्रति “विश्व स्वास्थ्य सम्मलेन” जर्मनी में आयोजित करता हैं।
प्रो.(डॉ.) बी.एस. तोमर अपने बहुमुखी व्यक्तित्व के लिए न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम हैं। एक विश्व प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ, निम्स विश्वविद्यालय, निम्स अस्पताल के संस्थापक हैं। प्रो. तोमर को राजीव गांधी पुरस्कार से बाल चिकित्सा और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए भी सम्मानित किया गया है| डॉ तोमर ने बच्चों में लिवर सिरोसिस जैसे बीमारी का इलाज खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
डॉ तोमर ने एसएमएस अस्पताल से शुरू किया करियर
डॉ तोमर की असाधारण कार्य नीति, गहरी अंतर्दृष्टि और असाधारण प्रतिभा उन्हें एक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक अलग व्यक्ति बनाती है। डॉ. तोमर ने स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के संयोजन के लिए देश विदेश में काम किया। उन्होंने राजस्थान के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल से अपनी करियर की शुरुआत की। डॉ. तोमर ने परिवार कल्याण मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष विभाग के साथ मिलकर “आधुनिक चिकित्सा में भारतीय औषधीय प्रणालियों का एकीकरण” शीर्षक से एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस आयोजित की और डॉ. तोमर को अनेक संस्थाओं से लाइफटाइम अचिवेमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया है।
चिकित्सा जगत में डॉ तोमर एक जाना पहचाना चेहरा
डॉ तोमर चिकित्सा जगत में एक जाना पहचाना चेहरा हैं। वे दिन प्रतिदिन चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देता हैं, हाल ही में निम्स विश्वविद्यालय में चेक रिपब्लिक यूरोप के प्रधानमंत्री ने नए आर्टिफिकल इंटेलिजेंस इंस्टिट्यूट एवं नए हेल्थ रिसर्च इनोवेशन इंस्टिट्यूट की नींव रखी थी जो अब बनकर तैयार हैं। इसे यूरोपियन इंडो पसिफ़िक हब फॉर डिजिटल पार्टनरशिप बनाया गया हैं। वह इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट, पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी के निदेशक के साथ-साथ सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, ट्रांसप्लांट और न्यूट्रिशन के अध्यक्ष के अलावा सीआईआई के हेल्थकेयर पैनल के अध्यक्ष के पद पर आसीन हैं।