दरअसल, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को लोकेश शर्मा को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी। लोकेश शर्मा की ओर से कोर्ट में इसी माह सरकारी गवाह बनने को लेकर प्रार्थना पत्र पेश किया गया था। जिसे अब कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। ऐसे में अब दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम गहलोत सहित कई अधिकारियों से पूछताछ के लिए जयपुर आ सकती है।
अभी ऑडियो टैप की एफएसएल जांच रिपोर्ट आना बाकी
इस मामले में ऑडियो टैप की एफएसएल जांच की रिपोर्ट आना बाकी है। रिपोर्ट के नतीजों के आधार पर दिल्ली पुलिस कार्रवाई आगे बढ़ा सकती है। इसके आधार पर कुछ और लोगों के बयान लिए जा सकते हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच इस मामले में आगे की पड़ताल करने और इस प्रकरण से जुड़े मामलों में जानकारी के लिए राजस्थान आ सकती है।गहलोत सहित कई अधिकारियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
चर्चा है कि लोकेश के सरकारी गवाह बनने से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और फोन टैपिंग से जुड़े गृह विभाग व पुलिस के तत्कालीन अधिकारी जांच के दायरे में लिए जा सकते हैं, जिससे उनकी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।2020 के ‘सियासी संकट’ से जुड़ा है पूरा मामला
यह पूरा मामला वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार के सियासी संकट से जुड़ा हुआ है।राजस्थान की सियासत में 2020 में हुई उथल-पुथल को लेकर कुछ ऑडियो वायरल हुए थे। इसमें दावा किया गया था कि कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की जा रही है। यह ऑडियो अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने जारी किया था। इसको लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मार्च 2021 में दिल्ली की क्राइम ब्रांच में एफआइआर दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि ऑडियो टैप फर्जी हैं और इसे अवैध तरीके से बनाकर राजनीतिक मंशा से लीक किया गया है। एफआइआर में इस मामले की जांच कराने का आग्रह किया गया था।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था और मामले की सीधी जांच एसओजी और एसीबी को दी थी।