प्रदेश में अब तक दस से ज्यादा मरीजों की डेंगू से मौत हो चुकी है। सिर्फ कोटा में ही 6 लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। प्रदेश में डेंगू के 3624 पॉजिटिव मामले हैं। डेंगू का नया स्ट्रेन सबसे ज्यादा पैर जयपुर और कोटा में पसार रहा है। एसएमएस अस्पताल के एडीशनल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि अकेले एसएमएस अस्पताल में मौसमी बीमारियों की ओपीडी करीब 1500 को पार कर रही हैं। 150 से 250 सैंपल हर दिन लिए जा रहे हैं। इनमें से 20 से 25 मामले पॉजिटिव निकलते हैं।
स्ट्रेन डी 2 घातक, तेजी से गिरती है प्लेटलेट्स..
एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर सुधीर मेहता ने बताया कि डेंगू के 4 स्ट्रेन होते हैं। इन चारों स्ट्रेन में डी 2 ही सबसे घातक होता है। बाकी तीनों स्ट्रेन से होने वाला फीवर सामान्य डेंगू फीवर होता है और उनका कॉम्प्लिकेशन रेट भी कम होता है। जबकि डी2 स्ट्रेन में कॉम्प्लिकेशन रेट ज्यादा होती है। इसमें तेज बुखार आता है, पेट दर्द, उल्टी होती है। इस स्ट्रेन में डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू हेमेरिजक फीवर देखने को मिलता है। इन दिनों जो भी सैंपल सामने आ रहे हैं, उनमें डी 2 के केसेज सबसे ज्यादा हैं। साथ ही उनकी पॉजिटिविटी रेट भी ज्यादा हैं। ऐसे में उन्होंने पेशेंट्स को तुरन्त डॉक्टर्स की मदद लेने की हिदायत दी। उन्होंने बताया कि डेंगू की बीमारी का रिस्क जुलाई से अक्टूबर में बना रहता है। बारिश के बाद जलभराव की स्थिति होने के कारण भी मच्छर तेजी से पनपते हैं। इस कारण डेंगू और मच्छर जनित दूसरे रोग का रिस्क बढ़ता है। दूसरे स्ट्रेन की तुलना में डेंगू का डी 2 स्ट्रेन तेजी से फैलता है और प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरती है।
ब्लड बैंकों में लग रही है लाइन ..
जयपुर और कोटा में डेंगू का सबसे ज्यादा असर है। यहां ब्लड बैंकों में लाइनें लग रही है। मरीजों को एसडीपी व आरडीपी उपलब्ध कराई जा रही है। आने वाले मरीज के परिजनों की पूरी मदद की जा रही है, ताकी प्लेटलेट तेजी से बढ़ेगी तो मरीज ठीक होगा। 24 घंटे ब्लड बैंकों में काम चल रहा है और मरीज की हर संभव मदद की जा रही है।
ये सावधानियां बरतें
शहर में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिहाज से जिला प्रशासन अपने प्रयास कर रहा है। निगम प्रशासन फॉगिंग और एंटी लार्वा एक्टिविटी पर जोर दे रहा है। ये रोग एडीज मच्छर के काटने से होता है और ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। ऐसे में निगम प्रशासन ने आम जनता से भी एहतियात बरतते हुए मच्छरदानी का इस्तेमाल, घरों के नजदीक जलजमाव रोकने की भी अपील की है।