क्वासर खोजने का दावा
हाल ही सेंट लुइस में अमरीकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत अपने शोध में खगोलविद एलिसन किर्कपैट्रिक ने ऐसी 22 तत्वों को खोज लेने का दावा किया है जिनसे क्वासर का निर्माण होता है। वे इसे कोल्ड क्वासर कहती हैं। एलिसन का कहना है कि आकाशगंगा के केन्द्र के नजदीक उन्होंने ऐसे चमकदार पिंडों की खोज की है जो बेहद चमकदार हैं और अपने अंत के करीब हैं। लेकिन उन पर अब भी धूल और गैस से बने ठंडे बादलों की उपस्थिति यह बताती है कि यह अब भी नए तारामंडल को जन्म देने में सक्षम है। कंसास विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एलिसन कहती हैं कि आज भी खगोलविज्ञान में वैज्ञानिकों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि किसी आकाशगंगा का अंत कैसे होता है? इस संबंध में हमारी जानकारी लगभग शून्य है।
आकाशगंगाएं भी होती हैं रिटायर
एलिसन का कहना है कि शुरुआती अध्ययनों से पता चला है कि आकाशगंगाएं भी अपने शुरुआती सितारे रूपी स्वरूप से विशालकाय आकाशगंगा में बदलती हैं और अंत में अपने सेवानिवृत्ति के चरण (नष्ट होने) की ओर बढ़ती हैं। उन्होंने बताया कि इसकी खोज आकाशगंगा में सबसे चमकीली वस्तुओं की खोजबीन के दौरान हुई। वैज्ञानिकों ने पाया कि black hole से निकलने वाली एक्से-रे किरणें बिल्कुल वैसी ही उच्च विकिरण वाली थीं जैसी बड़े पैमाने पर क्वासर से निकलती हैं। एलिसन का अगला कदम यह पता लगाना है कि कोई आकाशगंगा किस गति से गैस और धूल का उत्सर्जन करती है। इससे यह पता चल सकेगा कि कोल्ड क्वासर अवस्था में आकाशगंगाएं कब तक रहती हैं। एलिसन ने बताया कि खगोलविज्ञान में कितनी भी कोशिश कर लें हम रियल टाइम में किसी भी खगोलीय प्रक्रिया को नहीं देख सकते। इसलिए वैज्ञानिक विभिन्न आकाशगंगाओं की तस्वीरों को जोड़कर निष्कर्ष निकालते हैं।