वहीं, प्रत्येक जिले में एक विद्यालय को आदर्श विद्यालय बनाया जाएगा। सोमवार को शिक्षा संकुल में संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में संस्कृत शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में कई निर्णय लिए गए। दिलावर ने बैठक में कहा कि संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालय में नामांकन बढ़ाने के उपायों के साथ संस्कृत में नवीन पाठ्यक्रम क्या-क्या हो सकते हैं। इस पर भी विचार करना होगा।
मंत्री ने कहा कि सामान्य शिक्षा विद्यालयों की तरह संस्कृत विद्यालयों में भी मोबाइल पर बैन लागू किया जाए। कोई भी शिक्षक मोबाइल लेकर कक्षा में न जाए। उन्होंने बताया कि पीएम श्री विद्यालय की तर्ज पर संस्कृत शिक्षा विभाग में शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की दृष्टि से पीएम श्री योजना के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय शेख सर बास खोड़ाला बीकानेर का चयन किया गया है।
यहां संस्कृत भाषा के साथ कंप्यूटर एवं शारीरिक शिक्षा की पढ़ाई कराई जा रही है। बैठक में परिवर्तित बजट वर्ष 2024-25 की घोषणा के अनुसार संस्कृत शिक्षा में पांच नवीन प्राथमिक विद्यालय और 10 उच्च प्राथमिक विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय स्तर पर क्रमोन्न्त किया जाने का निर्णय लिया गया।
प्रदेश में भवन विहीन 20 संस्कृत महाविद्यालय के लिए भवन निर्माण कराए जाएंगे। इसके लिए लगभग 50 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। प्रदेश में ज्योतिष और वास्तु विद्या के वैज्ञानिक पक्षों के अध्ययन एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, जयपुर में 10 करोड़ रुपए की लागत से सेंटर आफ एक्सीलेंस शुरू किया जाएगा। बैठक में संस्कृत शिक्षा सचिव पूनम, आयुक्त प्रियंका जोधावत मौजूद रहे।