– मौजूदा बीमा प्रीमियम राशि 850 रुपए है, इसे बरकरार रखते हुए दो अन्य श्रेणियां बनाई जा सकती है, जो 1500 से 3 हजार रुपए तक हो सकती है, लोग खुद तय करेंगे कि उन्हें किस श्रेणी की सुविधा लेनी है
– सरकार निजी अस्पतालों के साथ चर्चा कर अस्पतालों की श्रेणियां तय करने की कोशिश कर सकती है, जिससे उन्हें उनके यहां उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार प्रीमियम की श्रेणी में शामिल किया जा सके
– मौजूदा नि:शुल्क श्रेणियां पहले की तरह ही बरकरार रहेंगी
– निजी अस्पतालों की सुविधा में छोटी-छोटी बीमारियों के पैकेज भी शामिल किए जाएंगे, जो कांग्रेस सरकार के समय सरकारी अस्पतालों तक ही सीमित थे, इससे मरीजों और निजी अस्पतालों में रोष व्याप्त था
– योजना को केन्द्र की आयुष्मान योजना की तरह संचालित करने की कोशिश की जाएगी
– सरकार का मानना है कि योजना के सफल संचालन के लिए निजी अस्पतालों को विश्वास में लेना आवश्यक है, ऐसे में योजना मरीज और अस्पतालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की जाएगी
– प्रदेश के वे अन्य परिवार जो सरकारी कर्मचारी या पेंशनर नहीं है या चिकित्सा परिचर्या नियमों के तहत अन्य लाभ नहीं ले रहे हैं, वे निर्धारित प्रीमियम का भुगतान कर योजना में शामिल हो सकते हैं
गजेन्द्र सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री