गहलोत ने कहा कि सात अगस्त को इन नए जिलों की विधिवत स्थापना की जाएगी। उस दिन सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में जाकर वहां सर्वधर्म प्रार्थना सभा में शामिल होंगे। इस दौरान भारतीय परंपरा एवं संस्कृति के अनुसार पूजा पाठ किए जाने के बाद नए जिलों की विधिवत स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कहा कि भौगोलिक रूप से जिले बड़े होते हैं तब जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक चाह कर भी प्रत्येक इलाके में नहीं जा पाते हैं। कहीं जगह तो लोगों को अपनी समस्या के निराकरण के लिए 200 किलोमीटर दूर से जिला मुख्यालय आना पड़ता है ऐसे में उनकी सुविधा के लिए नए जिलों का गठन किया गया, जिससे काम आसान एवं जरूरी काम में देरी नहीं हो।
19 नए जिलों के प्रस्ताव को मंजूरी, किस जिले में होगी कौनसी तहसील
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नवीन जिलों से राजस्थान के विकास को एक नई गति मिलेगी तथा आमजन की सुगमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि नवीन जिलों के गठन से विकास संबंधी योजनाओं की क्रियान्विति तथा मोनिटरिंग और अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगी, जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं, सुविधाओं और सेवाओं का लाभ शीघ्र मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों तक सरकार की पहुंच और अधिक सुगम होगी, जिससे इनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण हो सकेगा। राजस्व एवं दीवानी न्यायालयों की दूरियां घटने से इनमें लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण हो सकेगा तथा कानून व्यवस्था पर अधिक प्रभावी नियंत्रण हो पाएगा।
आमजन का जिला प्रशासन एवं सरकार से संवाद बढ़ेगा, जिससे जन अभाव अभियोगों का निराकरण और शीघ्रता एवं सुगम रुप से हो सकेगा। इन नवीन जिलों का गठन राज्य द्वारा प्रदान किए जा रहे सुशासन को और अधिक गति देने में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे जिलों में विकास होगा, योजनाएं बनेगी और निवेश भी होगा।
राजस्थान में अब होंगे 50 जिले, यहां देखें जिलों की पूरी लिस्ट
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इतिहास बनाया है। मेरी मांग है कि आगे और भी जिले बनें। कुछ छोटे जिले भी बनाए जाएं। लोगों की ओर से और जिलों की मांग आ रही है। भाजपा के लोग भी जिलों की मांग कर रहे हैं। आगे और नए जिले बनाएंगे।
नए 19 जिले बनाए जाने के बाद राजस्थान में 50 जिले हो गए हैं। इससे पहले राज्य में 33 जिले थे। सीकर, पाली व बांसवाड़ा को संभाग बनाया गया है। इसके बाद अब राज्य में संभाग 10 हो गए हैं। राजस्थान में अब दूदू सबसे छोटा जिला होगा।