सप्लाई चेन को बढ़ाने पर करना होगा विचार सत्र के दौरान सौरभ झा ने कहा कि भारत को अपनी सप्लाई चेन को बढ़ाने के बारे में नए सिरे से विचार करना होगा। कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से यह सप्लाई चेन बाधित हुई और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। ऐसे में अब मैन्युफैक्चरिंग को राज्य आधारित कर भविष्य में इसकी संभावनाओं को कम किया जा सकता है। हमें नॉलेज डवलपिंग सेंटर, आरएंडडी सेंटर आदि विकसित करने होंगे। इससे घरेलू उत्पादन लागत घटेगी, महंगाई पर नियंत्रण संभव होगा और हम मेक इन इंडिया के सपने को साकार कर पाएंगे। भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का मौका मिला है। यह स्थिति यूरोपियन सेंट्रल बैंक, फैडरल बैंक एवं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं के बीच अर्थतंत्र को प्रभावित करती है। भारत में अभी भी रिसर्च और डवलपमेंट में बहुत अधिक निवेश की जरूरत है। भारत में व्यापार, उद्योग, कृषि और सेवा क्षेत्रों में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। देश में मैन्युफैक्चरिंग कमजोर है, जिससे नए रोजगारों का सृजन अभी धीमा है। चायना को पीछे छोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी में युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है।