जयपुर

जयपुर में बढ़ा लाइब्रेरी कल्चर..युवाओं को पढ़ाई की सुविधा मिली तो लोगों शुरू हुई सैकंड इनकम

शिक्षा के क्षेत्र में जैसे-जैसे शहर आगे बढ़ रहा है, वैसे ही यहां के लोगों के लिए सैकंड इनकम के सोर्स शुरू होने लगे हैं। बीते सालों से राजधानी के कुछ इलाकों में लाइब्रेरी कल्चर तेजी से विकसित हुआ है।

जयपुरMay 21, 2023 / 09:00 pm

Kamlesh Sharma

शिक्षा के क्षेत्र में जैसे-जैसे शहर आगे बढ़ रहा है, वैसे ही यहां के लोगों के लिए सैकंड इनकम के सोर्स शुरू होने लगे हैं। बीते सालों से राजधानी के कुछ इलाकों में लाइब्रेरी कल्चर तेजी से विकसित हुआ है।

जयपुर। शिक्षा के क्षेत्र में जैसे-जैसे शहर आगे बढ़ रहा है, वैसे ही यहां के लोगों के लिए सैकंड इनकम के सोर्स शुरू होने लगे हैं। बीते सालों से राजधानी के कुछ इलाकों में लाइब्रेरी कल्चर तेजी से विकसित हुआ है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए लोगों ने हाईटेक लाइब्रेरी विक सित कर दी हैं। महेश नगर, टोंक फाटक, गोपालपुरा और प्रतापनगर, जगतपुरा क्षेत्र में लोगों ने घरों में ही 10 से 15 लाख रुपए तक का इनवेस्ट कर लाइब्रेरी खोली हैं।

इनमें छात्रों के लिए ग्रुप स्टडी से लेकर एकांत में पढ़ाई की भी व्यवस्था कर रखी है। इतना ही नहीं, लाइब्रेरी में एसी, वाई-फाई और टी ब्रेक भी दे रहे हैं। इसके एवज में छात्रों से पांच से आठ हजार रुपए प्रति माह लिए जा रहे हैं। बेहतर माहौल मिलने के कारण छात्र इन लाइब्रेरी को पसंद कर रहे हैं। आलम यह है कि छात्र रात को सोने और खाना खाने के लिए ही कमरे पर जा रहे हैं। इसके अलावा दिन का पूरा समय इन लाइब्रेरी में बिता कर पढ़ाई कर रहे हैं।

दो लाख रुपए तक सैकंड इनकम से आय
लाइब्रेरी में एंट्री के लिए एक छात्र से अ धिकतम पांच हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। यहां छात्र दिनभर बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं। एक लाइब्रेरी में अ धिकतम 50 छात्रों को एंट्री दी जा रही है। ऐसे में लोग सैकंड इनकम से ही दो लाख रुपए से अ धिक महीने की आय कर रहे हैँ।

लेकिन परेशानी यह भी, ध्यान रखना जरूरी
शहर में कुछ रिहायशी इलाकों में बीच कॉलोनी में लाइब्रेरी भी शुरू कर दी गई हैं। ऐसे में लाइब्रेरी में दिनभर आवाजाही होने से कॉलोनी के अन्य लोगों को भी परेशानी हो रही हैं। वहीं, शिकायत होने पर जेडीए की ओर से ऐसी लाइब्रेरी पर कार्यवाही भी की जाती है। ऐसे में छात्रों को सुविधा के साथ कुछ जगह पर दूसरे लोगों के परेशानी का भी कारण लाइब्रेरी बनी है।

यह है गणित
– 5 हजार से अधिक लाइब्रेरी विकसित हुई हैं महेश नगर, टोंक फाटक गोपालपुरा क्षेत्र में
– 5 से 8 हजार रुपए लाइब्रेरी के चार्ज लिए जा रहे हैं
– 8 से 9 घंटे तक छात्र लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं
– 2 लाख रुपए तक लोग लाइब्रेरी से सैकंड इनकम के तौर पर कमा रहे महीने में

कमरे पर पढ़ाई नहीं हो पाती। लाइब्रेरी में माहौल मिल जाता है। इसके अलावा वाई-फाई की सुविधा मिलती है जिससे ऑनलाइन क्लास अटेंड कर सकते हैं। घर जैसा लगता है।
उमंग शर्मा, छात्र महेश नगर

रूम पर एक साथ दो से तीन छात्र रहते हैं। कोई न कोई मिलने आता रहता है। ऐसे में एकाग्रता से पढ़ाई नही हो पाती। सुबह जल्दी खाना खाने के बाद दिनभर लाइब्रेरी में ही समय निकलता है।
विष्णु सिंह, छात्र गोपालपुरा

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