कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त शुरू होगा— सुबह 7 बजकर 25 मिनट से
वृश्चिक स्थिर लग्न मुहूर्त— सुबह 8:36 बजे से 10:53 बजे तक।
अभिजित मुहूर्त— सुबह 11:36 से दोपहर 12:24 तक।
कुंभ लग्न — दोपहर 2:26 से शाम 4:17 तक।
शुभ— सुबह 8:00 बजे से 9:30 बजे तक
चर— मध्यान्ह 12:30 बजे से 2:00 बजे तक
लाभ— मध्यान्ह 2:00 बजे से 3:30 बजे तक
अमृत— अपरान्ह 3:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार सुबह स्नान के बाद दुर्गाजी का ध्यान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें. घट स्थापना करते समय नवार्ण मंत्र ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’ या निम्न मंत्र का जाप करते रहें—
1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
2. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।