पूरे देश में 12 जनवरी युवा दिवस मनाया जाता है। देश में युवा दिवस को मनाने की शुरूआत वर्ष 1985 में हुई। आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है। स्वामी विवेकानंद नाम किसने दिया है, क्या आप जानते हैं। राजस्थान के एक राजा ने विवेकानंद को पगड़ी व अंगरखा पहनना भी सिखाया है। जानें उस राजा और राजस्थान का स्वामी विवेकानंद से कनेक्शन? स्वामी विवेकानंद एवं तत्कालीन खेतड़ी रियासत के महाराजा अजीत सिंह की प्रगाढ़ मित्रता थी। स्वामी विवेकानंद अपने जीवन काल में तीन बार खेतड़ी आए। शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का परचम फहराकर लौटने पर स्वामी विवेकानंद 12 दिसंबर 1897 को खेतड़ी पधारे, उस समय खेतड़ी सीमा पर राजा अजीत सिंह राजबग्घी में बैठकर उनकी अगवानी के लिए पहुंचे। जुलूस के रूप में उन्हें लाया गया और भोपालगढ़ एवं खेतड़ी में घरों में दीपक जलाकर रोशनी की गई।
स्वामी विवेकानंद ने अपने एक भाषण में कहा भी था कि भारत की उन्नति के लिए आज मैंने जो कुछ किया है, यदि राजा अजीतसिंह मुझसे नहीं मिले होते तो शायद यह नहीं कर पाता। इसका उल्लेख पंडि़त झाबरमल शर्मा की पुस्तक ‘
राजस्थान में स्वामी विवेकानंद’ में किया गया है।
नाम व पोशाक खेतड़ी की देनस्वामी विवेकानंद जो पगड़ी व अंगरखा पहनते थे, वह राजा अजीतसिंह की ही देन है। स्वामीजी का विवेकानंद नाम भी राजा अजीतसिंह ने रखा था। इससे पूर्व उनका नाम विविदिषानंद था। स्वामी विवेकानंद की शिकागो धर्म सम्मेलन की सम्पूर्ण यात्रा व्यय की व्यवस्था खेतड़ी ठिकाने ने की थी। राजा अजीत सिंह स्वामी विवेकानंद की माता भुवन मोहिनी को प्रतिमाह खर्च के लिए एक सौ रुपए भी भिजवाते थे।
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न्योता ठुकराने पर मंत्री अविनाश गहलोत कांग्रेस पर जमकर बरसे, बोले – अब किस मुंह से जाएंगे अयोध्याव्याकरण का अध्ययन खेतड़ी में कियास्वामीजी ने राज पंडि़त नारायणदास से व्याकरण, अष्टाध्यायी एवं महाभाष्य का अध्ययन किया। यहां रहते हुए उन्होंने खेतड़ी के राजा अजीतसिंह को विज्ञान का अध्ययन भी करवाया। स्वामीजी की सहमति से खेतड़ी में एक प्रयोगशाला भी स्थापित की गई। महल की छत पर एक टेलीस्कोप लगाया गया। इससे स्वामीजी एवं राजा तारामण्डल का अध्ययन करते थे।
राष्ट्रीय युवा दिवस 2024 की थीम क्या है जानेंराष्ट्रीय युवा दिवस 2024 की थीम है Its all in the mind यानि की सब कुछ आपके दिमाग में है। अगर आप कुछ करने की ठान लें तो कोई काम भी आपके लिए मुश्किल नहीं होता।
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