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पुनीत शर्मा
जयपुर। खाद्य विभाग प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गिवअप अभियान चलाकर योजना में शामिल 12 लाख अपात्रों के नाम हटाकर वाहवाही लूट रहा है, लेकिन इनसे 1500 करोड़ की वसूली पर विभाग चुप है। हालांकि सरकारी गेहूं उठाने वाले 6 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों से 100 करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार सरकारी कर्मचारियों से वसूली गई राशि को केंद्र सरकार ने मांगा था। इसके बाद खाद्य विभाग के अधिकारियों में खलबली मच गई। हालांकि जितने नाम योजना से हटाए गए हैं तो उनसे 1500 करोड़ रुपए की वसूली होगी। इस राशि को भी केंद्र सरकार मांग सकती है क्योंकि गेहूं केंद्र सरकार ही उपलब्ध करा रही है।
विभाग के कुछ अधिकारी दबी जुबां से कह रहे हैं अपात्रों से वसूली को लेकर पत्रावली भी चली थी, लेकिन मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अधिकारी कहते हैं कि जिस तरह सरकारी कार्मिकों से वसूली हुई उसी तरह अपात्रों से भी होनी चाहिए।
गिवअप अभियान की पड़ताल में सामने आया कि योजना से नाम वापस लेने वाले अपात्रों में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इस सच से सरकार भी वाफिक है। चूंकि कार्यकर्ता राजनीतिक दलों की मजबूत कड़ी होती है। यह भी एक वजह है विभाग गिवअप अभियान में योजना से हटने वाले अपात्रों से वसूली को लेकर चुप है।
Updated on:
19 Mar 2025 08:44 am
Published on:
19 Mar 2025 08:43 am
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