सिविल सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य
सिविल सेवा दिवस का महत्व उन सभी लोगों को समर्पित है जो अपनी अनुकरणीय सेवाओं को मनाने के लिए सिविल सेवाओं में शामिल हैं। इस दिन केंद्र सरकार विभिन्न विभागों के कार्यों का मूल्यांकन करती है और आने वाले वर्षों के लिए योजनाएं भी बनाती है। इस दिन का उत्सव सिविल सेवा अधिकारियों को जनता के लिए अधिक कुशलता से काम करने के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का इतिहास
भारत के आजाद होने के बाद देश के सिविल सेवकों के पहले बैच को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने संबोधित किया था। स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1947 में दिल्ली के मेटकाफ हाउस में प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के परिवीक्षाधीनों को संबोधित किया था। देश के सिविल सेवकों को समर्पित इस प्रेरक भाषण में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने उन्हें भारत का ‘स्टील फ्रेम’ कहा था। 21 अप्रैल 2006 को विज्ञान भवन में पहला राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाया गया। तभी से यह दिन हर साल सेलिब्रेट किया जाता है।