वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर का कहना है कि जीएस के सैंपल जांच के लिए बरेली भेजे गए हैं। साथ ही पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा लेकिन प्रथमदृष्टया कारण कार्डियक अरेस्ट लग रहा है। हालांकि कुछ दिन पहले जीएस के रक्त, मल-मूत्र के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जिसमें उसकी किडनी में भी संक्रमण होने की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद इलाज किया जा रहा था। इससे पहले भी जोधपुर से तारा की जोड़ी बनाने के लिए शेर कैलाश को लाए थे, लेकिन उसकी भी बीमारी से मौत हो गई थी।
यहां एसीएफ का पद रिक्त है। जिसके चलते मॉनिटरिंग प्रभावित हो रही है। रेंजर को एसीएफ का अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है। जबकि वह चिड़ियाघर अधीक्षक हैं। उठ रहे सवाल एक अन्य वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक का कहना है कि जब भी नाहरगढ़ में संदिग्ध हालात में वन्यजीव की मौत होती है तब पॉलिक्लिनिक के चिकित्सकों की उपस्थिति में पोस्टमार्टम कर दिया जाता है। जबकि ये प्रक्रिया अन्य किसी जू या बड़े सेंटर से विशेषज्ञ को बुलाकर करना चाहिए।ऌ
एक ही बहाना… अचानक छोड़ दिया खाना-पीना फिर मौत नाहरगढ़ जैविक उद्यान में साढ़े तीन साल मेें शेर कैलाश, शेरनी सुजैन, बाघ राजा, बाघिन सीता, पैंथर शिवा, सफेद बाघ चीनू, बाघिन शावक रिद्धि, शावक रुद्र समेत एक दर्जन से ज्यादा वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। हर बार एक ही बहाना बनाया जा रहा है कि वन्यजीव ने अचानक खाना पीना छोड़ दिया और फिर मौत हो गई। इस बार भी ऐसा ही हुआ।