हवामहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए बाल मुकुंदाचार्य के अवैध मीट दुकानों पर कार्रवाई को लेकर मामला उठाने के बाद निगम प्रशासन की आखें खुली। अब दोनों नगर निगम प्रशासन ने शहर में मीट दुकानों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए दुकानों के लाइसेंस चैक किए जाएंगे, इसके साथ ही नियम शर्तों की पालना को लेकर भी जांच की जाएगी। इसके लिए दोनों नगर निगमों में कार्मिक लगा दिए है, जो रोजाना अपने—अपने क्षेत्र में मीट दुकानों का सर्वे कर रहे है। निगम अफसरों की मानें तो सर्वे करने के बाद जिन दुकानों पास लाइसेंस नहीं है, उन्हें लाइसेंस जारी किए जाएंगे। हालांकि ये लाइसेंस मार्च तक के लिए ही जारी किए जाएंगे। वहीं जो लाइसेंस नहीं लेगे, उन दुकानों को सीज करने की तैयारी की जा रही है।
6 साल बाद फिर जागा निगम प्रशासन
राजधानी में करीब 6 साल पहले अवैध मीट दुकानों पर बड़ी कार्रवाई की गई थी, तब 50 से अधिक दुकानों को निगम प्रशासन ने एक साथ सीज किया था, इसके बाद कई दुकानदारों ने मीट दुकानेां के लाइसेंस लिए थे, लेकिन इसके बाद निगम प्रशासन की अनदेखी के फिर वहीं हाल हो गए और शहर में जगह—जगह अवैध मीट दुकानें शुरू हो गई।
जल्द करेंगे दुकानें चिह्नित
ग्रेटर नगर निगम के पशु प्रबंधन उपायुक्त डाॅ. हरेन्द्र सिंह का कहना है कि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में हमने करीब 200 मीट दुकानों के लाइसेंस जारी कर रखे है। अब अवैध मीट दुकानों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। जल्द ही बिना लाइसेंस के चल रही दुकानों को चिह्नित कर लिया जाएगा। पहले उन्हें लाइसेंस लेने के लिए समझाइश करेंगे, इसके बाद दुकानें सीज की जाएगी।
पहले करेंगे समझाइश, फिर कार्रवाई
हैरिटेज नगर निगम पशु चिकित्साधिकारी डॉ. महेश चंद शर्मा का कहना है कि हैरिटेज नगर निगम ने 115 मीट दुकानों के लाइसेंस जारी कर रखे हैं। अवैध मीट दुकानों का अब सर्वे शुरू कर दिया है। इन दुकानों को चिह्नित कर रहे हैं। पहले समझाइश करेंगे, अगर इसके बाद भी जो दुकानदार लाइसेंस नहीं लेगा, उन दुकानों को सीज करने की कार्रवाई करेंगे।
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एक साल के लिए जारी होता है लाइसेंस
नगर निगम मीट दुकानेां को राजस्थान नगर पालिका एक्ट, 2009, खाद्य अपमिश्रण (प्रतिषेद्य) अधिनियम के तहत एक साल के लिए लाइसेंस जारी करता है, इसके बाद हर साल इन लाइसेंस को नवीनीकरण करवाया जाता है। लाइसेंस अप्रेल से मार्च तक के लिए दिया जाता है।