राजस्थान भाजपा में अंदरखाने यह मांग तेज हो चली है कि भाजपा की सरकार बनने के बाद जयपुर, जोधपुर और कोटा में छह की जगह वापस तीन नगर निगम किए जाएं। भाजपा नेताओं ने इसे लेकर बयानबाजी भी तेज कर दी है।
जयपुर में पहली बार कांग्रेस का बोर्ड बना है, ऐसे में भाजपा नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया है कि भाजपा की सरकार बनने के बाद वापस जयपुर में एक नगर निगम बनाने का प्रयास किया जाएगा। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने भी दो नगर निगम पर सवाल उठाए थे और अब शहर भाजपा अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा है कि हमारी सरकार बनी तो जयपुर में वापस एक ही नगर निगम करवाने का प्रयास किया जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम बनाए हैं। सरकार का तर्क था कि क्षेत्रफल बढ़ने की वजह से एक नगर निगम से शहर का विकास नहीं हो सकता। मगर भाजपा ने इसे षड्यंत्र बताया और कहा था कि अपने वोटबैंक के हिसाब से सरकार ने परिसीमन किया ताकि शहरी क्षेत्रों में वो काबिज हो सके। इन छह नगर निगमों में पिछले दिनों हुए चुनाव में चार पर कांग्रेस और दो पर भाजपा का महापौर बना है।
91 से 250 वार्ड किए जयपुर में सरकार ने पहले वार्डों की संख्या 91 से बढ़ाकर 150 कर दी थी। लेकिन ऐनवक्त पर चुनाव को स्थगित करते हुए जयपुर में हैरिटेज और ग्रेटर के नाम से दो नगर निगम का गठन करते हुए वार्डों की संख्या को 250 कर दिया गया। इसमें ग्रेटर में 150 और हैरिटेज में वार्डों की संख्या 100 रखी गई है। इस विभाजन के बाद पहली बाद जयपुर में कांग्रेस का बोर्ड बना है।