जयपुर देश का ऐसा राजवंश जो करीब 400 सालों से एक श्राप झेल रहा था जिसके कारण उसे अपना राजवंश चलाने के लिए उत्तराधिकारी गोद लेना पड़ता था। लेकिन बता दे की अब ये खुशी दोहरी हो गई है। मैसूर के 27वें राजा यदुवीर वडियार की पत्नी तृषिका सिंह ने 1 साल पहले एक बच्चे को जन्म दिया है। इस खुशखबरी से राज परिवार में चारों तरफ खुशियों का माहौल बन गया। राजघराने को लगता है कि इस बच्चे के जन्म के साथ ही उसे लगभग 400 साल पुराने एक श्राप से मुक्त मिल गई है।
मैसूर के राजा यदुवीर की शादी राजस्थान के डूंगरपुर की राजकुमारी तृषिका से हुई थी। इस राजवंश में अगला राजा दत्तक पुत्र ही बनता आ रहा है। अब तक राजा-रानी अपना वारिस गोद लेकर ही चुनते आए हैं। अब तक इस राजघराने की किसी भी रानी ने बेटों को जन्म नहीं दिया था। माना जाता है कि 400 साल से एक श्राप के कारण ऐसा हो रहा है। यह श्राप 1612 में विजयनगर की तत्कालीन महारानी अलमेलम्मा ने दिया था। अलमेलम्मा के इस श्राप के बाद से 400 सालों तक वाडियार राजवंश में किसी भी राजा को संतान के तौर पर पुत्र नहीं हुआ। श्राप मुक्ति के उपाए के लिए राजा वोडियार ने श्राप देने वाली अलमेलम्मा की मैसूर में मूर्ति भी लगाई थी।
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मैसूर राजपरिवार करीब 80 हजार करोड़ रु की संपत्ति का मालिक है. हालांकि राजपरिवार के सदस्य खुद को सामान्य लोग मानते हैं। कहा जाता है कि 400 साल पहले विजयनगर की तत्कालीन महारानी अलमेलम्मा ने एक श्राप दिया था। श्राप में उन्होंने कहा था कि वाडियार राजवंश के राजा- रानी की गोद हमेशा सूनी रहेगी। यह श्राप उन्होंने जबरदस्ती गहने कब्जा से नाराज होकर दिया था, तभी से राजवंश परिवार इस श्राप की मार झेल रहा है।
मैसूर राजपरिवार करीब 80 हजार करोड़ रु की संपत्ति का मालिक है. हालांकि राजपरिवार के सदस्य खुद को सामान्य लोग मानते हैं। कहा जाता है कि 400 साल पहले विजयनगर की तत्कालीन महारानी अलमेलम्मा ने एक श्राप दिया था। श्राप में उन्होंने कहा था कि वाडियार राजवंश के राजा- रानी की गोद हमेशा सूनी रहेगी। यह श्राप उन्होंने जबरदस्ती गहने कब्जा से नाराज होकर दिया था, तभी से राजवंश परिवार इस श्राप की मार झेल रहा है।