जयपुर

Mustard production: स्टॉक लिमिट नहीं हटाई, तो घट जाएगा सरसों का उत्पादन

मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि तेल तिलहन पर लागू स्टॉक सीमा को तुरंत प्रभाव से नहीं हटाया मोपा रबी सीजन के दौरान सरसों की बुआई में कमी आने का अंदेशा है।

जयपुरSep 13, 2022 / 10:52 am

Narendra Singh Solanki

Mustard production: स्टॉक लिमिट नहीं हटाई, तो घट जाएगा सरसों का उत्पादन

मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि तेल तिलहन पर लागू स्टॉक सीमा को तुरंत प्रभाव से नहीं हटाया मोपा रबी सीजन के दौरान सरसों की बुआई में कमी आने का अंदेशा है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए तेल-तिलहन पर स्टॉक सीमा लागू की है। मोपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने कहा कि किसानों को उपज का उचित मूल्य मिले, इसके लिए तेल व तिलहन पर स्टॉक सीमा को हटाना जरूरी है। अभी सोयाबीन एवं मूंगफली की फसल तैयार खड़ी है। बेहतर बारिश को देखते हुए रबी की बुआई भी जोरदार होने का अनुमान है, लेकिन तिलहनों की कम कीमतें किसानों की चिंता बढ़ा रही है। ऐसे में सरसों की बुआई प्रभावित हो सकती है।

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विदेशी तेलों में भारी मंदी
चतर ने कहा कि सरकार द्वारा खाने के तेलों में मंदी के प्रयास किए जाने से पिछले दो सप्ताह में सरसों सीड में 600 रुपए प्रति क्विंटल निकल गए हैं। राजस्थान एवं देश की मंडियों में पिछले एक माह से सरसों की आवक बढ़ने तथा विदेशी तेलों में भारी मंदी आने से सरसों तेल में भी करीब 13 रुपए प्रति किलो की नरमी आई है। समर्थन पाकर सरसों खल प्लांट के भाव भी 250 रुपए नीचे आकर 2450 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं।
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74 लाख टन सरसों की आवक
चतर के अनुसार देश में अब तक 74 लाख टन सरसों की आवक मंडियों में हो चुकी है। तथा 31 अगस्त तक 67 लाख टन सरसों की पेराई हो गई है। त्योहारी मांग के बावजूद देश के बाजारों में खाने के तेलों के दाम टूटने लगे हैं। पिछले दिनों विदेशी बाजारों में भी खाने के तेलों की कीमतों में गिरावट आई थी। इसका असर अब तेल की खुदरा कीमतों पर दिखना शुरू हो गया है। ध्यान रहे पिछले माह सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विदेशी तेलों की कीमतों में आई गिरावट का लाभ जनता तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे। सरकार की कोशिश है कि खुदरा बाजार में भी खाने के तेलों की कीमतों में गिरावट आए। गौरतलब है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पाम ऑयल आयात करने वाला देश है। राजस्थान सहित देश की मंडियों में लगभग ढाई लाख बोरी सरसों सीड प्रतिदिन उतर रही है।

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