दरअसल, विवि में रोजाना करीब दो ट्रक कचरा निकल रहा है। मगर नगर निगम ने इतने कचरे को ले जाने में असमर्थता जताई है। साथ ही विश्वविद्यालय को पत्र भी लिखा है कि विवि अपने स्तर पर ही कचरा निस्तारित करें। कम्पोस्ट खाद बनाकर अपने परिसर में ही उसका इस्तेमाल करें।
सफाई ठेके पर देने के लिए निकाली निविदा ऐसे में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए विवि निजी कम्पनी के माध्यम से सफाई करवाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए विवि ने निविदा भी जारी कर दी है। इन निविदा की अनुमानित लागत चार चार करोड़ रुपए है। जिसके तहत सफाई करने वाली एजेंसी को कचरा निस्तारण के उपकरण भी खुद लगाने होंगे। साथ ही अगर सफाई करने वाली एजेंसी या फर्म की शिकायत मिली तो उसका पैसा काट लिया जाएगा। चार करोड़ रुपए की लागत से विश्व विद्यालय के पूरे परिसर और विभागों में सफाई की जाएगी। इसके साथ ही पोद्दार मैनेजमेंट संस्थान, संघटक महाविद्यालयों, पार्क, पार्किंग, दीवारें, पुस्तकालय में सफाई होगी। सफाई के दौरान विश्वविद्यालय से निकलने वाले कचरे को बाहर ले जाने के बजाए उसका कैंपस में निस्तारण किया जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ विवि में अपनी ओर से भी कचरा निस्तारण मशीनें लगाने का भी प्रस्ताव चल रहा है।
बी—फार्मेसी कोर्स इस साल से कोटा विवि में भी कोटा विश्वविद्यालय में इस साल से बी—फार्मेसी पाठ्यक्रम शुरू किया है। इसके साथ ही यह विवि कम फीस में इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई कराने वाला पदेश का पहला विवि बन गया है।