कांग्रेस का राज गया, अब तक सत्ता सुख बाकी, नई सरकार के आदेश का इंतजार
इससे पहले उन्होंने हवामहल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य के साथ श्रमदान किया। वहीं, सिविल लाइन्स विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक गोपाल शर्मा की चुनाव प्रचार में उनकी मदद किसी से छिपी नहीं है। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से भाजपा से चुनाव लड़ चुके कुछ प्रत्याशियों और एक पूर्व मंत्री से भी महापौर और उनके पति सुशील गुर्जर ने पार्टी में एंट्री करवाने के लिए सम्पर्क साधा है। दरअसल, कोर्ट से भले ही महापौर मुनेश गुर्जर को राहत मिल गई हो, लेकिन नए सिरे से पड़ताल करने का विकल्प सरकार के पास अभी भी खुला हुआ है। यही वजह है कि महापौर हर कदम को फूंक फूंककर रख रही हैं। उनके भाजपा में शामिल होने के सियासी मायने हैं। यदि मुनेश का भाजपा में आना सफल हुआ तो उनकी महापौर की कुर्सी बची रहेगी और सरकार की तरफ से परेशानी भी कम हो जाएगी।
महापौर मुनेश गुर्जर से सवाल-जवाब
Q. आपके भाजपा में जाने की चर्चा कितनी सही है?
जवाब: इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती। फिलहाल मैं कांग्रेस में हूं।
Q. उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी का स्वागत किया। भाजपा विधायक के साथ झाड़ू लगाई। इससे तो लग रहा है कि भाजपा की ओर आपका झुकाव है?
जवाब: दिया कुमारी हैरिटेज निगम सीमा क्षेत्र में रहती हैं। उन्हें बड़ा पद मिला है। इसलिए उनको जाकर बधाई दी है। श्रमदान तो सभी को करना चाहिए। पदभार ग्रहण करने के दौरान सभी पार्षदों को बुलाया था। कुछ आए, कुछ नहीं, सभी की अपनी-अपनी सोच है।
यहां दिखीं महापौर भाजपा के साथ
05 दिसम्बर को महापौर ने पदभार ग्रहण किया। उसमें भाजपा पार्षदों को भी बुलाया।
12 दिसम्बर को सफाई अभियान के दौरान महापौर के साथ विधायक बालमुकुंदाचार्य रहे।
13 दिसम्बर को उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी के आवास पर पहुंची और उनका स्वागत किया।
हैरिटेज निगम में पार्षदों की स्थिति
कांग्रेस 47
निर्दलीय साथ 09
भाजपा 42
निर्दलीय साथ 02
बोर्ड बनाने के लिए 51 पार्षदों का समर्थन जरूरी है। माना जा रहा है कि महापौर सात पार्षदों को भी साथ लेकर आ रही हैं।
(निकायों में दल-बदल कानून लागू नहीं होता।)
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उप मुख्यमंत्री का स्वागत करने से मिला चर्चाओं को बल
महापौर मुनेश का भाजपा के प्रति झुकाव पार्टी पार्षदों को रास नहीं आ रहा है। पार्षदों का कहना है कि महापौर रहते हुए तीन वर्ष में उनके वार्डों में विकास कार्य नहीं हुए। महापौर ने मिलने तक का समय नहीं दिया। सूत्रों की मानें तो पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल शहर संगठन को इस पूरे घटनाक्रम से अवगत भी करा चुका है।