वर्षा जल का संचयन किया जाएं
बैठक में जल संरक्षण पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव पन्त ने कहा कि मरू प्रदेश होने के कारण राज्य में जल संरक्षण की महती अवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए वर्षा जल का संचयन किया जाएं और भूजल स्तर को बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किये जाएं। उन्होंने मानसून में अधिक से अधिक वर्षा जल के संचयन के उद्देश्य से राज्य में ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ को गति देने के निर्देश दिए।अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें
मुख्य सचिव पन्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वें समय-समय पर अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों-कार्मिकों की कार्यकुशलता और अनुशासन की पालना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को आगामी विधानसभा बजट सत्र की समुचित तैयारी के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अधिकारियों के औसत ई-फाइल निस्तारण समय के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। मुख्य सचिव पन्त ने कहा कि स्वयं के व्यक्तित्व विकास के लिए हमें नित नया सीखने की ललक रखनी चाहिए। उन्होंने मिशन कर्मयोगी पोर्टल पर विभिन्न विभागों की स्थिति की समीक्षा की। यह भी पढ़ें – रेलवे का बड़ा फैसला, 1 जुलाई से ट्रेनों के नंबरों से नहीं हटेगा जीरो, स्पेशल का दर्जा रहेगा बरकरार