बेनीवाल ने कहा कि अर्द्ध सैनिक बल केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं, ऐसे में देश के लिए शहादत देने वाले जाबांजों के परिवार का सम्मान करना, उनकी मांगों का सकारात्मक हल निकालना राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार का भी दायित्व बनता है। केंद्र सरकार अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों से जुड़े किसी भी मामले में निर्णय लेने में सक्षम है, ऐसे में शहीद वीरांगनाओं की अनुकम्पा नियुक्ति सहित अन्य मांगों का सकारात्मक हल केंद्र सरकार के स्तर से कैसे निकले, इसके लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जाना चाहिए।
यह कमेटी मौके पर जाकर वीरांगनाओं के साथ वार्ता करे। साथ ही केंद्र सरकार को शहीद सैनिको को दिए जाने वाले पैकेज के अंतर्गत कोई नियम संसोधन करना पड़े या कोई नया प्रावधान जोड़ना पड़े तो उसे जोड़ा जाए। साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय को राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों में अर्द्ध सैनिक बलों में राष्ट्र की रक्षा करते हुए शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को देय पैकेज और परिलाभ की समीक्षा करके यह सुनश्चित करना चाहिए कि कोई भी शहीद परिवार अपने हक़ के लिए आज भी भटक नहीं रहा हो।
यह कमेटी मौके पर जाकर वीरांगनाओं के साथ वार्ता करे। साथ ही केंद्र सरकार को शहीद सैनिको को दिए जाने वाले पैकेज के अंतर्गत कोई नियम संसोधन करना पड़े या कोई नया प्रावधान जोड़ना पड़े तो उसे जोड़ा जाए। साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय को राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों में अर्द्ध सैनिक बलों में राष्ट्र की रक्षा करते हुए शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को देय पैकेज और परिलाभ की समीक्षा करके यह सुनश्चित करना चाहिए कि कोई भी शहीद परिवार अपने हक़ के लिए आज भी भटक नहीं रहा हो।