दरअसल, इंदौर के एक कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय ने एमपी के सीएम मोहन यादव के सामने ही कहा था कि, “राज्य के नशे के कारोबार के तार राजस्थान के प्रतापगढ़ से जुड़े हैं। इस कारोबार में शामिल लोगों के नाम भी उन्हें पता है। चोर ही नहीं इस कारोबार के चोरों की मां को भी पकड़ा जाए।”
टीकाराम जूली ने CM से पूछा सवाल
वहीं, आज नेता विपक्ष टीकाराम जूली ने सीएम भजनलाल शर्मा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश में ड्रग्स कारोबार पर मुख्यमंत्री स्थिति स्पष्ट करें? उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राज्य में अपराधों का ग्राफ गिरने का दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा शासित मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश में पकड़ी गई करीब दो हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स राजस्थान के सीमावर्ती जिले से आयी है। अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्पष्ट करना चाहिए कि इनमें कौन सही है। यदि राजस्थान में नशे के कारोबार की जड़ें फैले होने का मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का दावा सही है तो यह बहुत गंभीर और चिंताजनक बात है। अगर मध्य प्रदेश सरकार झूठी तोहमत लगा रही है तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इसका सार्वजनिक रूप से खुलासा करें।
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जूली बोले- एमपी के मंत्री के आरोप गंभीर
टीकाराम जूली ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश के भोपाल में 1814 करोड़ रुपये और झाबुआ में 168 करोड़ रुपये की ड्रग्स की दो खेप पकड़े जाने पर वहां के वरिष्ठ मंत्री जो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी रहे हैं। वे राजस्थान पर तोहमत लगा रहे हैं कि ड्रग्स के कारोबार की जड़ें राजस्थान में फैली हुई हैं। जूली ने कहा कि यह आरोप बहुत गंभीर है और राज्य के मुखिया जो गृह मंत्री भी हैं। उन्हें इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए।‘आंकड़ों के मकड़जाल का सहारा ले रहे हैं CM’
साथ ही राजस्थान में कानून व्यवस्था को लेकर जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान असंगत है कि राज्य में अपराधों का ग्राफ गिरा है। मुख्यमंत्री आंकड़ों के मकड़जाल का सहारा ले रहे हैं। विधानसभा के बजट सत्र में एक सवाल के जवाब में सरकार ने कबूला था कि वर्ष 2024 के शुरूआती छह महीनों में राज्य में महिला अपराध के बीस हज़ार 776 प्रकरण दर्ज हुए हैं। यह आंकड़ा चिंताजनक है और सरकार आंकड़ों की बाजीगरी से प्रदेश में बढ़ते अपराधों को रोकने में अपनी विफलता छिपाने की कोशिश कर रही है।
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