भगवान गणेश का यह बेहद सुंदर मंदिर है। यहां गणेशजी की विशाल प्रतिमा स्थापित है, मूर्ति में स्थापित गणेशजी दाहिनी सूंड़ वाले हैं. प्रतिमा पर सिंदूर का चोला चढ़ाकर इसका भव्य श्रृंगार किया जाता है। बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा जयपुर के राजा माधोसिंह प्रथम की रानी के मायके मावली से लाई गई थी। उस समय पांच सौ साल पुरानी इस गणेश प्रतिमा को पल्लीवाल नाम के एक सेठ मावली से जयपुर लेकर आए थे। मोती डूंगरी मंदिर बनवाया गया और विधि विधान से इस प्रतिमा की स्थापना कर दी गई थी। मोती डूंगरी मंदिर के पास ही अन्य अनेक मंदिर भी हैं। इनमें लक्ष्मी-नारायण मंदिर भी शामिल है. मोती डूंगरी गणेश मंदिर के पास ही भगवान नारायण और देवी लक्ष्मी का यह मंदिर भी बेहद सुंदर मंदिर है।
हर बुधवार को लगती है नए वाहनों की कतार
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में गणेश दर्शन और पूजन करने के लिए देशभर से भक्त आते हैं। बुधवार के दिन तो यहां मेला जैसा लग जाता है। खास बात तो यह है कि यह मंदिर नए वाहनों की पूजा कराने के लिए बहुत प्रसिद्ध है। माना जाता है कि मोती डूंगरी गणेश मंदिर में नए वाहन की पूजा कराने पर न केवल वाहन हादसा नहीं होता बल्कि यात्रा भी शुभ होती है। लोगों की इसी आस्था की वजह से हर बुधवार को यहां पर पूजा कराने के लिए नई कार—बाइकों की कतार लग जाती है। नए वाहन की पूजा कराने इतनी ज्यादा संख्या में वाहन मालिक आते हैं कि मंदिर जानेवाले जेएलएन मार्ग पर नए चमकते वाहन ही नजर आते हैं।