मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर में गणेशजी महाराज का पुष्याभिषेक किया गया। सर्वप्रथम शुद्ध जल से फिर दूध, दही, घी, बूरा से तैयार पंचामृत से गजानन का अभिषेक किया गया। गंगाजल से स्नान कराकर नवीन पोशाक धारण कराई गई। गणेशजी महाराज को फूल बंगले में विराजमान किया गया।
ब्रह्मपुरी माऊंट रोड स्थित दाहिनी सूूंड वाले श्रीनहर के गणेशजी महाराज मंदिर में महंत पं जय शर्मा के सान्निध्य में सुबह श्री गणपति अथर्वशीर्ष और श्री गणपति अष्टोत्तरशत नामावली से गणेशजी का पंचामृत अभिषेक किया गया। सूरजपोल के श्वेत सिद्धी विनायक गणेश मंदिर में महंत मोहन लाल शर्मा के सान्निध्य में गणेशजी महाराज का दुग्धाभिषेक किया गया। इसके बाद मूंग की दाल से बने लड्डुओं का भोग लगाया गया।
गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ
चांदपोल परकोटा गणेश मंदिर में पुष्य नक्षत्र में 101 किलो दूध से गणेशजी महाराज का अभिषेक किया गया। युवाचार्य पंडित अमित शर्मा ने बताया कि नवीन पोशाक धारण करा फूल बंगला झांकी सजाई गई। गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ कर गणपति सहस्त्रनामावली से मोदक अर्पित किए गए। श्रद्धालुओं को रक्षा सूत्र बांध हल्दी की गांठ वितरित की गई। गलता गेट स्थित गीता गायत्री मंदिर में पं राजकुमार चतुर्वेदी के सान्निध्य में गणपति का पुष्याभिषेक कर ऋतु पुष्पों से श्रृंगार किया गया।