दरअसल, घटना के बाद चौकड़ी तोपखाना हजूरी गेट ऑयलमेन का मोहल्ला निवासी सलाम खान के बेटे जावेद खान ने रामगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके भाई अमजद का बेटा उजेफ 2 मार्च को अपने कमरे में सो रहा था। इसी दौरान बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। भाई की पत्नी अंजुम ने कमरे में जाकर देखा तो उसके बेटे उजेफ की गर्दन पर चोट का निशान था। खून बह रहा था। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई।
मामला दर्ज कर पुलिस ने मर्डर के एंगल से जांच शुरू की। सबसे पहले घर पर मौजूद महिलाओं और पुरुषों से पूछताछ की गई। घटना के समय घर पर कई लोग मौजूद थे। पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि आरोपी मां अंजुम और बच्चा सबसे ऊपर की मंजिल में अकेले थे। ऐसी स्थिति में बाहर से किसी व्यक्ति द्वारा बच्चे का गला काटा जाना संभव नहीं था। पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट में धारदार हथियार से गला काटना पाया गया।
जांच में सामने आया कि घटना के दौरान बच्चे के पास केवल उसकी मां अंजुम ही मौजूद थी। अंजुम से गहनता से पूछताछ की गई। जिसके बाद अंजुम में हत्या की बात कबूल की और कहा कि बच्चा दिन-रात रोता रहता था। रात को भी नहीं सो पाती थी। परेशान होकर सर्जिकल ब्लेड से बच्चे का गला काट दिया। घरवालों का ध्यान भटकाने के लिए कह दिया कि कोई बच्चे का गला काट कर भाग गया है।