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जयपुर

बनास में ज्यादातर खानें बंद, बढ़ रहा बजरी खनन का अवैध कारोबार

त्योहारी सीजन में मकानों का निर्माण व मरम्मत के चलते बजरी की मांग बढ़ी हुई है, लेकिन बनास नदी में करीब दो खानों के ही चालू होने से बजरी की मांग पूरी नहीं हो पा रही। इससे अवैध बजरी कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में अभी बजरी की करीब 18 खानें चल रही हैं, लेकिन प्रदेश में मुख्य बजरी का स्रोत बनास नदी में डोटारायसिंह व उनियारा में ही खानें चालू हैं। इनके अलावा अन्य खानें छोटी व सहायक नदियों में हैं। इन खानों से निकलने वाली बजरी को देखा जाए तो जरूरत के मुकाबले यह 10 से 15 फीसदी के आसपास ही है।

जयपुरOct 27, 2024 / 03:52 pm

GAURAV JAIN

– बनास में उनियारा व टोडारायसिंह में ही चल रही लीज

– त्योहार पर मकानों का काम करा जनता की कट रही जेब, भाव आसमान पर

जयपुर. त्योहारी सीजन में मकानों का निर्माण व मरम्मत के चलते बजरी की मांग बढ़ी हुई है, लेकिन बनास नदी में करीब दो खानों के ही चालू होने से बजरी की मांग पूरी नहीं हो पा रही। इससे अवैध बजरी कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में अभी बजरी की करीब 18 खानें चल रही हैं, लेकिन प्रदेश में मुख्य बजरी का स्रोत बनास नदी में डोटारायसिंह व उनियारा में ही खानें चालू हैं। इनके अलावा अन्य खानें छोटी व सहायक नदियों में हैं। इन खानों से निकलने वाली बजरी को देखा जाए तो जरूरत के मुकाबले यह 10 से 15 फीसदी के आसपास ही है। यही वजह है कि प्रदेश में अवैध बजरी खनन बढ़ा है। बजरी माफिया मुंह मांगी कीमत पर बेच रहे हैं। जयपुर में ही बजरी 1600 से 1900 रुपए टन तक बिक रही है।सूत्रों के मुताबिक जयपुर व आसपास के क्षेत्रों में बजरी महंगी मिलने की वजह यह भी बताई जा रही है कि जो खानें चालू हैं, वे जयपुर से काफी दूर हैं। इससे किराया भी ज्यादा होने से कीमत पर असर आ रहा है। फिर बजरी की कमी से माफिया मुंह मांगी कीमत वसूल रहे हैं। टोंक के आसपास खानें चालू हों तो जयपुर में बजरी की कीमत कम हो सकती हैं।
इन क्षेत्र में बढ़ा अवैध खनन

खान विभागों के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में बजरी खानें चालू नहीं होने से कई जिलों में बजरी का अवैध खनन तेजी से हो रहा है। यह विभाग की जानकारी में होने के बावजूद सख्त कार्रवाई नहीं हो रही। इसकी वजह स्थानीय पुलिस प्रशासन और खान विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत होना भी है।
– जोधपुरः जोधपुर व आसपास के क्षेत्र में भोपालगढ़, बिलाड़ा, ओसिया में बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है। यहां से रोजाना बड़ी संख्या में अवैध बजरी से भरे ट्रोले निकल रहे हैं।
– भीलवाड़ाः भीलवाड़ा तहसील क्षेत्र, कोटड़ी, बिजौलिया, जहाजपुर, मांडल में अवैध रूप से बजरी निकाली जा रही है।

– सवाईमाधोपुरः सवाईमाधोपुर तहसील क्षेत्र, चौथ का बरवाड़ा, मलारना डूंगर क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा है।
– टोंकः टोंक तहसील क्षेत्र, देवली, निवाई, पीपलू मासी नदी से अवैध खनन कर बजरी जयपुर तक लाई जा रही है।

पहाड़ों को कर रहे जमींदोज

प्रदेश के अरावली क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियां बढ़ीं हैं। नागौर जिले के ग्राम खाटूकला व आसपास के क्षेत्र में तेजी से अवैध खनन हो रहा है। यहां हाईड्रा मशीन, जेसीबी जनरेटर के साथ कम्प्रेसर मशीन तक लगा लिए जाते हैं। अवैध खनन से पहाड़ जमींदोज हो रहे हैं। फिर भी विभागीय अधिकारी मौन हैं। जयपुर के आसपास बस्सी, गुणावता, कालवाड़, हाथनोदा, बैनाड़ के अलावी सीकर क्षेत्र में नीमकाथाना, भरतपुर, अलवर, धौलपुर सहित तमाम जिलों में अवैध खनन हो रहा है। अरावली क्षेत्र में खानें बंद हैं, लेकिन अवैध खनन जारी है।

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