जयपुर. गुलाबीनगरी में मंगलवार को मकर संक्रान्ति लोगों ने धूमधाम से मनाई। इससे आसमां जहां रंग बिरंगी पतंगों से रंगीन नजर आया। वहीं दूसरी ओर पतंगों की डोर बेजुबान पक्षियों के लिए खतरनाक साबित हुई। 800 से अधिक परिन्दे लहूलुहान हालत में रेस्क्यू सेंटरों में लाए गए। इनमें ज्यादात्तर परिन्दों चायनीज मांझे की चपेट में आना पाए गए। उनके पंखों में चायनीज मांझा दिखा। इससे प्रशासन द्वारा चायनीज मांझे पर प्रतिबंध के दावे झूठे साबित हुए।
जानकारी के मुताबिक शहर में वैशालीनगर, रामनिवासबाग, जवाहरनगर, पांच बत्ती, टोंक रोड, अशोक विहार नर्सरी, मालवीय नगर, मानसरोवर समेत कई स्थानों पर करीब डेढ़ दर्जन से अधिक स्वयंसेवी संस्था, वन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से पक्षी चिकित्सा शिविर लगाए गए। इनमें सुुबह सात बजे से रात आठ बजे तक घायल परिन्दे का लहूलुहान में लाने का सिलसिला बरकरार रहा। रक्षा फाउंडेशन के सदस्य रोहित गंगवाल ने बताया इस बार घायल पक्षियों की संया में गत वर्ष के मुकाबले कमी आई है। रेस्क्यू के दौरान घायल अवस्था में चील, कमेड़ी, टिटहरी, बगुला, बतख समेत कई कई पक्षी भी लाए गए। इनका उपचार किया जा रहा है।
वहीं, वैशाली नगर में लगे शिविर के सदस्य जॉय गार्डनर ने बताया कि मांझे से एक प्रवासी पक्षी पेलिकन, कौआ, चील, उल्लू, चमगादड़, तोता समेेत कई पक्षी शिकार हुए। जिन्हें शहर के विभिन्न इलाकों से रेस्क्यू करके लाया गया। हालांकि प्रवासी पक्षी पेलिकन ने रास्ते मेेंं ही दम तोड़ दिया था। अन्य को बचाने की जुगत में जुटे है। वन्यजीव चिकित्सक अरवींद माथुर ने बताया कि मांझे से सबसे ज्यादा शिकार कबूतर हुए है। इधर मालवीय नगर में एनवायरमेंट एंड वाइल्ड लाइफ केयर सोसायटी के अध्यक्ष आशीष मेहता ने बताया कि जवाहर नगर सेक्टर 3 स्थित महावीर साधना के पास शिविर लगाया गया। इसमें करीब तीन दर्जन पक्षियों के रेस्क्यू किए गए।
Hindi News / Jaipur / चाइनीज मांझे से नुकसान, पतंगबाजी में घायल हो गए 800 से ज्यादा पक्षी