जयपुर

एईएन बन जेईएन कूट रहे चांदी, चहेतों को पहुंचा रहे फायदा, राजस्व को बड़ा नुकसान

जयपुर. नगरीय विकास विभाग में नियमों को ताक पर रखकर चहेतों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। स्वीकृत पदों से ज्यादा सहायक अभियंता लगाए जा रहे हैं। 51 सहायक अभियंता पिछले 11 माह से मनमानी की सीटों पर जमे हुए हैं। जबकि, सरकार के आदेश के मुताबिक इन सभी को वापस अपने मूल पद (कनिष्ठ अभियंता) पर जाना था।

जयपुरFeb 02, 2024 / 08:53 am

Ashish

जेडीए के पृथ्वीराज नगर-दक्षिण जोन में 100 फीट चौड़ी सेक्टर रोड को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए प्रवर्तन शाखा ने सोमवार को नोटिस जारी किए।

नगरीय विकास विभाग में नियमों को ताक पर रखकर चहेतों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। स्वीकृत पदों से ज्यादा सहायक अभियंता लगाए जा रहे हैं। 51 सहायक अभियंता पिछले 11 माह से मनमानी की सीटों पर जमे हुए हैं। जबकि, सरकार के आदेश के मुताबिक इन सभी को वापस अपने मूल पद (कनिष्ठ अभियंता) पर जाना था। हैरानी की बात यह है कि सरकार के आदेश की जेडीए सहित अन्य विकास प्राधिकारी और यूआईटी ने भी अवहेलना की। जेडीए में भी 20 सहायक अभियंता पद के विरुद्ध काम कर रहे हैं। पुरानी सरकार के आदेश नई सरकार में हावी हैं। चहेते इसी का फायदा उठाकर चांदी कूट रहे हैं।

 

राजस्व को बड़ा नुकसान


– जेईएन और एईएन के वेतन और विभाग से मिलने वाली सुविधाओं में भी अंतर है। इन 51 एईएन को सुविधाओं के नाम पर लाखों रुपए खर्च से राजस्व को नुकसान हुआ? इसका जिम्मेदार कौन है?

 

 

यह है मामला



– एक अप्रेल, 2022 को नगरीय विकास विभाग में एईएन के 136 पद स्वीकृत है। विभाग ने 136 पदों पर पदोन्नति करते हुए सूची जारी की।

– आठ अप्रेल, 2022 को नगरीय विकास विभाग ने एक और आदेश जारी किया। इसमें 51 कनिष्ठ अभियंताओं (जेईएन) को सहायक अभियंता (एईएन) बना दिया। राजस्थान अभियांत्रिकी सेवा के तहत ये अभियंता काम कर रहे थे। आदेश में नगरीय विकास विभाग ने छह माह अथवा आगामी विभागीय नियमित पदोन्नति चयन समिति की बैठक होने तक (जो भी पहले हो) के लिए व्यवस्था लागू की। अक्टूबर, 2022 में छह माह के लिए कार्यकाल और बढ़ा दिया। फरवरी, 2023 में कार्यकाल पूरा हो गया। इसके बाद भी ये काम कर रहे हैं।

 


ऐसे समझें गड़बड़झाला



1-जब एक अप्रेल, 2022 को यूडीएच ने स्वीकृत पदों पर पदोन्नति कर दी थी तो फिर एक सप्ताह बाद 51 जेईएन की पदोन्नति सूची क्यों जारी की?
2-अप्रेल, 2023 को जब इनकी समयावधि पूरी हो गई तो फिर नगरीय विकास विभाग ने इनको वापस मूल पद पर क्यों नहीं भेजा?

3-यूडीएच में जेईएन के 550 पद स्वीकृत हैं। अभी महज 120 जेईएन ही काम कर रहे हैं। जेईएन की कमी से कई शाखाओं में तो एक्सईएन और एईएन ही काम कर रहे हैं। इन 51 को वापस मूल पद पर भेजा जाए तो काम को गति मिल सकती है।



ऐसे भी चला मनमानी का खेल



सरकार के आदेशों की जेडीए धज्जियां उड़ाने में पीछे नहीं रहा। सितम्बर, 2022 में सहायक अभियंताओं का पदस्थापन हुआ। इसके बाद जेडीए सचिव रहते उज्ज्वल राठौड़ ने एक आदेश निकाला। इसमें साफ लिखा कि जिन प्रकोष्ठ में कनिष्ठ अभियंता नहीं हैं। वहां सहायक अभियंता पद के साथ अग्रिम आदेश तक कनिष्ठ अभियंता का कार्य भी देखेंगे। चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए अक्टूबर में जोन नौ एक आदेश निकलता है, यहां कनिष्ठ अभियंताओं के होने पर भी सहायक अभियंता को कनिष्ठ का काम दिया जाता है। पांच महीने ये आदेश प्रभावी रहा। सूत्रों की मानें तो इस दौरान 15 से 18 करोड़ रुपए के कार्य इस जोन में करवाए गए हैं। दरअसल, मेजरमेंट बुक भरने का काम कनिष्ठ अभियंता का होता है और सहायक अभियंता उसे सत्यापित करता है। पांच माह तक दोनों काम एक ही व्यक्ति करता रहा।

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