राजस्थान में यहां से मानसून का प्रवेश
मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान में आमतौर पर मानसून का प्रवेश डूंगरपुर, बांसवाड़ा के रास्ते होता है। बीते साल की बात की जाए तो राजस्थान में मानसूून 18 जून को प्रवेश किया था, जो सामान्य तारीख 25 जून से एक सप्ताह पहले आया था। जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि भारतीय मौसम केन्द्र नई दिल्ली के मुताबिक इस बार केरल में इस सप्ताह से मानसून के आने के पूरे आसार हैं। करीब दस साल बाद केरल में मानसून इस बार दस दिन जल्दी आएगा।
ऐसा रहेगा मानसून का गणित
मौसम विभाग ने इस साल के मानसून सीजन (जून से सितंबर) में सामान्य बारिश (96-104 फीसदी) होने की संभावना जताई है। राजस्थान में चार महीने के सीजन में औसत बरसात 415 एमएम होती है। बीते साल औसत बारिश 485.30 एमएम हुई थी, जो सामान्य से 17 फीसदी ज्यादा थी। इस बार मौसम विभाग ने राजस्थान के उत्तर-पूर्वी हिस्से के बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और चूरू में बारिश सामान्य से कम होने, जबकि दक्षिण-पूर्वी हिस्से के कोटा, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, झुंझुनूं, जयपुर, दौसा, धौलपुर, बारां, बूंदी, टोंक, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर में सामान्य से थोड़ी अधिक होने की संभावना है।
खास-खास
— पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में मौसम का बंटवारा
— पश्चिमी राजस्थान में साल 2021 में बारिश सामान्य से अधिक रही यानी यहां बारिश औसत से 20 फीसदी ज्यादा
— पूर्वी राजस्थान में सामान्य (औसत से 16 फीसदी अधिक)। सिरोही, श्रीगंगानगर, पाली, जालौर, उदयपुर और डूंगरपुर में साल 2021 में बारिश हुई थी औसत से कम
अभी कहां है मानसून
मौसम केंद्र के मुताबिक अंडमान निकोबार द्वीप समूह और आसपास के इलाकों में क्षोभमंडल के निचले स्तरों में दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के मजबूत होने के कारण बारिश हो रही है। अंडमान निकोबार द्वीपों पर मानसून की शुरुआत एक दिन देरी से हुई।