अरावली के पार पश्चिमी राजस्थान में तो बादल सामान्य से 67 प्रतिशत ज्यादा बरसे। मौसम विभाग की भाषा में इसे ‘बेहद ज्यादा’ कहते हैं। वहीं मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्री-मानसून बारिश में कोई कमी नहीं रही। दोनों प्रदेशों में यह सामान्य रहा।
बावजूद इसके तीनों प्रदेशों पारा 45 डिग्री के पार है। वहीं, ये इलाके जल संकट के मुहाने पर हैं। राजस्थान के 84 प्रतिशत बांध सूखे हैं। मौसम विभाग के अनुसार मानसून एक दिन और देर 7 जून तक केरल पहुंच सकता है।
हरियाली का दायरा घटने के साथ ही जलस्रोतों में पानी का दायरा सिमटने लगा है। झीलों की नगरी उदयपुर में नंगी पहाडिय़ों के बीच जग प्रसिद्ध फतहसागर भी सूख गया है। इसे ड्रोन कैमरे से कैद किया हमारे फोटो जर्नलिस्ट प्रमोद सोनी, ड्रोन सहयोग: सुमित ननवानी ने।
आपवादिक सूखे के इलाके में 9 गुना बढ़ोतरी
गांधीनगर आइआइटी द्वारा विकसित ड्यूस (ड्रॉट अर्ली वार्निंग सिस्टम) के अनुसार 30 मई तक देश 5.6 प्रतिशत हिस्से में आपवादिक रूप से सूखे के हालात हैं, 2018 के मुकाबले यह 9 गुना ज्यादा है।
गांधीनगर आइआइटी द्वारा विकसित ड्यूस (ड्रॉट अर्ली वार्निंग सिस्टम) के अनुसार 30 मई तक देश 5.6 प्रतिशत हिस्से में आपवादिक रूप से सूखे के हालात हैं, 2018 के मुकाबले यह 9 गुना ज्यादा है।
वहीं 10.74 प्रतिशत हिस्से में अत्यंत सूखे की स्थिति है। यह तीन गुना ज्यादा है। वहीं 16.61 प्रतिशत क्षेत्रफल में गंभीर सूखे के हालात बने हुए हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले यह दोगुना इलाका है।
राजस्थान में गर्मी से 4 लोगों की मौत राजस्थान में मंगलवार को 4 लोगों की गर्मी से मौत हो गई। जोधपुर में कुरियर कंपनी में काम करने वाले अब्दुल रहीम पठान (65) की मौत हो गई। टोंक में खेत से घर जा रहे हंसराज (45) अचेत होकर गिर गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
धौलपुर में एक मनरेगा मजदूर की और कोटा में 55 वर्षीय विमंदित चंदा बाई की मौत हो गई। सोमवार को भी गर्मी से 4 लोगों की मौत हो गई थी। लगातार चौथे दिन मंगलवार को चूरू 48 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा। 5 दिन के लिए 29 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।