IMD के निदेशक जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि Monsoon ने 8 जून को केरल में दस्तक दे दी है। इसके साथ देश में चार महीनों तक चलने वाला बारिश का मौसम शुरू हो गया। राजस्थान में इसके समय से पहुंचने के आसार हैं।
द.प. मानसून के चलते ही देश में 80 प्रतिशत वार्षिक बारिश होती है। यह अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है। इसी से खरीफ की फसल का भविष्य तय होता है। मानसून में देरी का फसलों की बुआई पर नकारात्मक असर पड़ेगा, भले ही अब इसमें कितनी भी तेजी आ जाए। इस वर्ष 96 प्रतिशत बारिश होने के आसार हैं।
यह सामान्य स्तर माना जाता है। शनिवार को लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी भारी बारिश हुई। त्रिशूर में 10 जून और एर्नाकुलम, मलप्पुरम व कोझीकोड में 11 जून के लिए लक्षद्वीप में 9-10 जून के लिए रेड अलर्ट है।
राजस्थान में प्रवेश
भले ही 8 दिन बाद मानसून का प्रवेश हुआ लेकिन केरल में इसकी दस्तक जोरदार हुई है। इससे राजस्थान में सामान्य समय 15 जून से 1 जुलाई के बीच में मानसून आने की परिस्थितियां बन रही हैं।केरल में मौसम विभाग के 14 स्टेशनों में से 60 प्रतिशत पर दो दिन 2.5 एमएम बारिश हो तो मानसून पहुंचने की घोषणा की जाती है।
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अन्य दो कारक पश्चिम से पूरब चलने वाली हवाओं की गति और पृथ्वी से निकलने वाली लॉन्गवेव विकिरण हैं। इससे घने बादलों का पता चलता है।
अगले 5 दिन : अरब सागर में चक्रवात
-लक्षद्वीप और दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बीच एक चक्रवात बन रहा है। अगले 48 घंटों में इसके उत्तर व पश्चिम-उत्तर दिशा में बढऩे/तीव्र हड्ड3ोने की आंशका है।
-पश्चिमी विक्षोभ के चलते जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में बारिश।
-महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, दक्षिण छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सामान्य से कम बारिश की उम्मीद।
-राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, यूपी, गुजरात और अंडमान-निकोबार में सामान्य से कम बारिश।